हाइनिष - राष्ट्रीय उद्यान और विश्व धरोहर
जर्मनी का हाइनिष राष्ट्रीय उद्यान बसंत ऋतु में लहलहा उठता है. यह प्राचीन तटीय जंगल अपने दुर्लभ जीवों और पौधों के लिए प्रसिद्ध है.
यादगार मंजर
यहां वुडपेकर चिड़िया की सात प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से यह एक है. हाइनिष राष्ट्रीय उद्यान में चिड़ियों की करीब 189 प्रजातियां पाई जाती हैं.
मार्च में बहार
बसंत के आते ही हाइनिष के जंगल में फूलों के रंग बिखर जाते हैं.
यूनेस्को विश्व धरोहर
साल 2011 में हाइनिष के पूरे जंगली इलाके, कारपेथियन पहाड़ियों के प्राचीन बीच फॉरेस्ट और जर्मनी को मिलाकर यूनेस्को विश्व धरोहर घोषित किया गया.
हरियाली का आनंद
आप यहां हरियाली का मजा कई तरह से ले सकते हैं. पैदल या साइकिल सवारी के अलावा यहां टांगे भी चलते हैं जो आपको जंगल की सैर कराते हैं.
अनूठा दृश्य
ऊपर से देखने पर जंगल की हरियाली देखने लायक होती है. इसका मजा लेने के लिए जमीन से 500 मीटर ऊंचाई पर रास्ता भी बनाया गया है. यहां से 75 वर्ग किलोमीटर के जंगल का नजारा देखना एक अलग ही अनुभव है.
जर्मनी के बीच में प्राचीन जंगल
हाइनिष के जंगल में ज्यादा इंसानी दखल नहीं है. यहां तक कि गिर चुके पेड़ों को भी साफ नहीं किया जाता. उन्हें सफाई के प्राकृतिक तरीकों पर छोड़ दिया जाता है.
दुर्लभ जीव
ये गुबरैले जंगल में बेकार पड़ी लकड़ी पर पलते हैं. जंगल में ऐसे और भी ढेरों दुर्लभ जीव दिख जाएंगे.
ग्रीन क्लासरूम
स्कूली बच्चों को यहां लाकर बताया जाता है कि पर्यावरण की रक्षा हमारे लिए क्यों अहम है और इसका हमारे जीवन में क्या महत्व है.