हवा में उड़ते गुब्बारे से बिजली
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने हवा में तैरने वाली विंडमिल तैयार की है. यह जमीन से करीब 600 मीटर की ऊंचाई पर रहकर परंपरागत टर्बाइनों के मुकाबले दोगुनी ऊर्जा पैदा करने में सक्षम है.
गुब्बारे का साथ
गर्म हवा के गुब्बारे के साथ हवा में तैरने वाली इस विंडमिल को विकसित किया है अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने. गुब्बारा टर्बाइन को हवा में करीब 600 मीटर की ऊंचाई तक ले जा सकता है.
ऊर्जा का खजाना
वैज्ञानिकों ने पाया कि करीब 600 मीटर की ऊंचाई पर मिलने वाली ऊर्जा का घनत्व धरती के मुकाबले पांच से छह गुना तक बढ़ जाता है. इस तरह अगर इसी ऊंचाई पर बने रहा जा सके तो ड्रिफ्ट जेनरेटर परंपरागत विंडमिल या पवनचक्कियों के मुकाबले दोगुनी बिजली पैदा कर सकता है.
हीलियम और तारें
एमआईटी के इस कृत्रिम विंडमिल का व्यास करीब 3.7 मीटर है. इसे गर्म हवा के गुब्बारे के केन्द्र में कुछ ऐसे लगाया गया है कि यह एक टर्बाइन विमान जैसा दिखता है. हवा में चक्कर लगाते हुए गुब्बारे में हीलियम गैस भरी होती है और इससे तारें निकली होती हैं जो ऊर्जा को धरती तक पहुंचाती हैं.
फटाफट असेंबली संभव
एमआईटी की इस तकनीक का निर्माण कर रही कंपनी आल्टीरोस एनर्जीस के अनुसार गुब्बारे वाली इस विंडमिल को 24 घंटों के भीतर जोड़ा जा सकता है. गुब्बारे को इस तरह बनाया गया है कि इसे दूरदराज के इलाकों और आपदाग्रस्त क्षेत्रों में ऊर्जा की सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जा सके.
टेलिफोन और इंटरनेट सुविधा भी
आल्टीरोस एनर्जीस ने बताया कि गुब्बारे ना केवल विंडमिल बल्कि टेलिफोन और इंटरनेट कनेक्शन के लिए जरूरी सेलुलर ट्रांसमीटर भी ले जा सकते हैं. इसी कारण से इनका फायदा अफ्रीका और एशिया के उन तमाम इलाकों में भी उठाया जा सकता है जहां बिजली उपलब्ध ना हो.
व्यर्थ जाती तेज हवाएं
इस तकनीक में शुरु से ही धरती से कुछ ऊंचाई पर उपलब्ध तेज हवाओं का फायदा उठाने की बात सोची गई थी. वैज्ञानिकों का मानना है कि चूंकि हवा हमेशा ही मौजूद होती है, वायु ऊर्जा का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
तूफानों का सामना
चूंकि इसकी डिजाइन पूरी तरह हवा पर ही निर्भर है, जाहिर है कि अगर तूफानी मौसम में तेज हवाएं हों तो इससे मशीन की कार्यप्रणाली प्रभावित होगी. आल्टीरोस ने बताया कि यह विंडमिल वाले गुब्बारे करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से बहती तेज हवाओं तक का मुकाबला करने में सक्षम हैं. 2010 में स्थापित हुई कंपनी ने बताया कि गुब्बारे में एक सेंसर भी लगा है जो मौसम बिगड़ने पर इसे धरती पर उतारने में सक्षम है.
जेब पर हल्की ऊर्जा
यह हवाई विंडमिल ना केवल वजन में कम है बल्कि उपभोक्ताओं की जेब पर भी हल्का होगा. उद्योग, सेना, द्वीपों या फिर आपदाग्रस्त इलाकों में भी यह बहुत काम आ सकते हैं. कंपनी ने इसे बनाने में आने वाली लागत के बारे में नहीं बताया है लेकिन इतना जरूर कहा है कि इसकी कीमत एक परंपरागत विंडमिल से काफी कम है.