हल्की फुल्की पर तेज तर्रार कार
१५ जुलाई २०१४प्रोफेसर हार्टमुट सॉप्के का मानना है कि कार को साधारण होना चाहिए, उससे गैरजरूरी चीजें निकाल देनी चाहिए. वे चार लोगों वाली कार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. रोजमर्रा में काम आने वाली कार, जो एक लीटर पेट्रोल में 100 किलोमीटर की दूरी तय कर ले. अब तक इस तरह की कारें सिर्फ प्रोटोटाइप में हैं. प्रोफेसर हार्टमुट सॉप्के इसे सड़क पर उतारना चाहते हैं. इस बारे में वे कहते हैं, "हम पूरी तरह से नए कंसेप्ट पर काम कर रहे हैं, जहां हम कार को सिर्फ चलाने के लिए जरूरी चीजों से लैस करेंगे."
450 किलो की कार
नए कंसेप्ट का मतलब है कि भविष्य की गाड़ी या तो लंबी दूरी के लिए होगी या शहर में छोटी दूरी के लिए. इरादा है कि हर कहीं इस्तेमाल होने वाली ऑल राउंडर कार भविष्य में नहीं बनेगी. प्रोफेसर सॉप्के कहते हैं, "हमें यह सोच बदलनी होगी कि हमारे पास ऐसी कार हो, जो हर जरूरत पूरी करे. हम हर जरूरत के लिए बड़ी, भारी और हाई पॉवर वाली कार इस्तेमाल करते हैं. हमें लंबी दूरी वाली गाड़ी चाहिए, लेकिन शहरी यातायात वाली भी." अब तक भविष्य की कार का डिजाइन और चेसिस ही बना है. चार सीटों वाली कार ज्यादा से ज्यादा 450 किलो की होगी. चलाने में आसान और वजन में हल्की, क्योंकि गाड़ी के वजन से हवा का गतिरोध पैदा होता है. गाड़ी जितनी हल्की हो, पेट्रोल उतना कम लगता है.
जूट की सीटें
प्रोफेसर और उनकी टीम गाड़ी को औरह हल्का बनाने के काम में जुटी हैं. ईंधन की खपत कम करने के लिए वजन कम करना जरूरी है क्योंकि वजन 70 से 80 फीसदी ड्राइविंग रेसिस्टेंस को प्रभावित करता है, खासकर शहरी यातायात में जहां गाड़ी की गति कम होती है.
कार की सीटें और इंटीरियर नेचुरल फाइबर वाले सिंथेटिक मटीरियल से बनाए गए हैं. जूट काफी हल्का और ठोस होता है. वजन की बचत टायर में भी की जा सकती है. उन्हें पतला और पूरी तरह हवा से भरा होना होगा. लेकिन फिर भी सड़क पर अच्छी पकड़, आसान मूवमेंट और लंबी जिंदगी जरूरी है.
जब तक चार सीटों वाली आधुनिक कार नहीं बनी है, प्रोटोटाइप के साथ दूसरे टेस्ट किए जा रहे हैं. मसलन 150 किलो भारी "ऐरिस" के साथ जो आगे के चक्के में दो इलेक्ट्रिक मोटर के साथ चलाई जाती है. ऊर्जा बचाने का एक और सिद्धांत, जिसे चार सीटों वाली किफायती कार में इस्तेमाल किया जा सकता है.
रिपोर्ट: मार्टिन रीबे/एए
संपादनः ईशा भाटिया