हम कप जीतने के लिए भूखे हैं: स्पेन
१८ जून २०१०विशेषज्ञ स्पेन की टीम को तीन कारणों की वजह से इस बार कप जीतने के लिए योग्य मानते हैं. स्पेन का विश्व कप के लिए क्वालिफाईंग में प्रदर्शन शानदार रहा है. टीम ने अपने सभी 10 मैच जीते थे. साथ ही स्पेन फीफा वर्ल्ड रैंकिंग में इस वक्त का नंबर वन टीम भी है. 2008 में यही टीम ने यूरो कप जीता था. उस वक्त टीम बहुत ही युवा और कम अनुभवी मानी जा रही थी. आज, दो साल बाद ऐसा कोई नहीं कह सकता है.
पहली बार विश्व कप जीतने की ख्वाहिश
हालांकि स्पेन 1978 से हर बार विश्व कप में भाग ले रहा है, दिलचस्प बात यह है कि स्पेन ने कभी भी विश्व कप नहीं जीता. इसलिए खिलाडियों का कहना है कि इस बार सही वक्त है और कि वह और पूरा देश कप जीतने के लिए भूखे हैं. गोलकीपर और कप्तान इकर कसियास, स्ट्राइकर डेविद विया और फर्नांदो टोरस और मिडफील्ड के जादुगर क्सावी दुनिया के सर्वश्रेष्ट खिलाडियों में गिने जाते हैं. टोरस 19 साल के ही थें, जब उनको राष्ट्रीय टीम में जगह दी गई थी. वे इंग्लिश प्रीमियर लीग में लीवरपूल के लिए खेलते हैं. लीग के 79 मैचों में उन्होने 52 गोल दागे. क्सावी एफसी बार्सेलोना के लिए खेलते हैं. 30 साल की उम्र के क्सावी ने अपनी करियर में सब कुछ हासिल किया जिसका कोई खिलाडी सपना देखता है, बस विश्व कप छूने की उनकी ख्वाहिश है. उनकी खूबी यह है कि वह एक साथ डिफेंस और अटैक करने के माहिर हैं.
अनुभवी कोच
60 साल के विसंते दल बोस्क 2008 से टीम के कोच हैं. दल बोस्क हमेशा शांत ज़रूर लगते हैं, लेकिन अपनी चालाकी की वजह से वे दुनिया के सबसे मशहूर क्लबों में से एक रिआल मैड्रिद में खिलाडी के तौर पर और बाद में कोच के तौर पर प्रसिद्ध हैं. 2002 में रिआल मैड्रिद से एक के बाद एक जीत दर्ज करने के बाद वह दुनिया के सर्वश्रेष्ट कोच घोषित किए गए थे.
लेकिन स्विटजरलैंड से मिली हार से स्पेन की दावेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. टीम के सामने अब होंडूरास और चिली हैं. लेकिन टीम की कदम आत्मविश्वास से भरे कम ही लग रहे है. स्पेन के बारे में हमेशा कहा जाता है कि टीम अच्छे खिलाड़ियों से भरी रहती है लेकिन वर्ल्ड कप नहीं जीत पाती.
रिपोर्ट: प्रिया एसेलबॉर्न
संपादन: ओ सिंह