"हमें भूलना मत मां"
एक ऐसा देश जहां बच्चे अकेले छूट गए हैं. उनके माता पिता पैसे कमाने के लिए परदेस चले गए, बच्चों को अपने हाल पर छोड़ कर. ये देश है मोल्डोवा.
"हमें भूलना मत मां"
कारोलीन टेलीफोन पर अपनी मां को हमेशा यही कहती है. फोटोग्राफर आंद्रेया डीफेनबाख के मुताबिक बच्चे स्थिति से निबट तो रहे हैं लेकिन परिवार बिखर गया है. नतीजा शायद बच्चों के बड़े होने के बाद दिखेगा.
"बिन मां बाप का देश"
ओल्गा, सबरीना और कारोलीना तीन साल से अकेले रह रहे हैं. उनकी मां इटली के एक परिवार में बूढ़े लोगों की देखभाल करती है. आंद्रेया डीफेनबाख का फोटो मोल्डोवा के बच्चों की कहानी कहता है. 'बिन मां-बाप वाला देश'.
12 साल में परिवार प्रमुख
सबसे बड़ी बहन ओल्गा मां की भूमिका निभाती हैं. वह पनीर बनाती हैं, ब्रेड पकाती हैं, अपने छोटे भाई बहनों का ख्याल रखती है, उन्हें स्कूल भेजती हैं.
दादा दादी के साथ
काटालीना के माता पिता भी परदेस में काम करते हैं. लेकिन उसकी किस्मत अच्छी है क्योंकि उसकी दादी पास के गांव में रहती है. अब वह भी दादी के साथ है. विश्वबैंक के मुताबिक यहां की एक चौथाई आबादी दूसरे देश में काम करती है.
दूर से प्यार
माता पिता अपने बच्चों के लिए अक्सर उपहार भेजते हैं. कभी पॉपकॉर्न, कभी सेब. बच्चों के लिए प्यार दिखाने का उनके पास और कोई उपाय भी नहीं होता.
लंबे समय से दूर
लुदमिला इटली में छह जगह साफ सफाई का काम करती है. सात साल से उन्होंने अपने बेटे स्लावेक को नहीं देखा है. गैर कानूनी तरीके से विदेशों में रहने वाले लोग अपने बच्चों से मिलने नहीं जा सकते. अब उसे परमिट मिल गया है, वह बेटे को ला सकती है.
कड़ी मेहनत
अल्योना और वान्या अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए इटली के खेत में पसीना बहाते हैं. यहां से वह रोज अपने घर फोन करते हैं. बारिश हुई तो काम नहीं होता और काम नहीं तो कमाई नहीं होती.
भावना समझें
आंद्रेया डीफेनबाख कहती हैं, "मैं चाहती हूं कि पश्चिमी यूरोप में लोग मेरे फोटो से मेरी भावनाएं समझें. शायद उनके घर में काम करने वाली के बच्चे भी किसी देश में अकेले हों."
यादों में
आंद्रेया के एक फोटो का शीर्षक है, "कोई विकल्प नहीं". जब कई साल बच्चों को मां बाप सिर्फ फोटो में देखते हैं तो उन्हें पता ही नहीं चलता कि बच्चे कितने बड़े हो गए. पूर्व सोवियत गणतंत्र मोल्डोवा यूरोप के सबसे गरीब देशों में है.
गरीब देश
आंद्रेया डीफेनबाख को इस फोटो प्रोजेक्ट के लिए 'नोस्ट' रिपोर्ताज पुरस्कार मिला है. ये तस्वीरें यूरोप में बढ़ती आर्थिक खाई की सच्चाई बताती हैं.