हड़ताल करने पर एयर इंडिया के 17 कर्मचारी बर्ख़ास्त
२७ मई २०१०एयर इंडिया के मुख्य प्रबंध निदेशक अरविंद जाधव ने कहा, "हड़ताल ग़ैरकानूनी थी. हमें जवाबदेही तय करनी है और ज़िम्मेदारी भी. जो भी कार्रवाई ज़रूरी है हम करेंगे. हम किसी भी हाल में समझौता नहीं करेंगे. हमें कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी." दिल्ली हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर मिलने के बाद एयर इंडिया के कर्मचारियों ने हड़ताल ख़त्म कर दी थी. जाधव का कहना था, "हमनें सभी संभावनाएं तलाश कर लेने के बाद ही उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया. हाईकोर्ट को लगा कि एयरलाइन्स की सेवाएं फिर से शुरू होनी चाहिए."
हड़ताल करने के कारण 17 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया जिनमें कई कर्मचारी संघ के भी नेता हैं. जाधव ने कहा, "हम एयरलाइन कंपनी को एक व्यावसायिक, ज़िम्मेदार और अनुशासित संगठन बनाना चाहते हैं. प्रबंधन अनुशासन सुनिश्चित कर रहा है. हम आभारी हैं कि केंद्र सरकार हमारा साथ दे रही है." हालांकि एयर कॉर्पोरेशन कर्मचारी संघ के प्रमुख जीबी कडियन का कर्मचारियों के नौकरी से निकाले जाने और निलंबन के बारे में कहना था कि जब समझौते के लिए बातचीत चल रही हो ऐसे समय किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जा सकता.
एयर इंडिया की फ्लाइट्स कब तक फिर सामान्य हो सकेंगी इस बारे में जाधव ने बताया कि इसमें कम से कम दो दिन लग सकते हैं. हड़ताल के दौरान एयर इंडिया से यात्रा करने वालों के लिए विशेष बसों का इंतज़ाम किया गया. जाधव ने जानकारी दी कि जेट एयरवेज़, किंगफिशर, इंडीगो और गो एयर सहित कई एयरलाइन्स ने उन्हें सहयोग दिया.
एयर इंडिया कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ाने और अन्य मांगों के बारे में पूछने पर प्रबंध निदेशक ने कहा, "हमने किसी भी बात के लिए मना नहीं किया है. लेकिन इसके लिए हमें मुख्य श्रम आयुक्त के साथ बैठना होगा. वेतन में बढ़ोतरी उत्पादकता और जवाबदेही से जुड़ी होनी चाहिए."
रिपोर्टः पीटीआई/आभा मोंढे
संपादनः एस गौड़