हंगरी में सोशलिस्ट पार्टी की हार, फ़िदेश जीती
२६ अप्रैल २०१०हंगरी के राष्ट्रीय चुनाव कार्यालय की ओर से जारी नतीजों के मुताबिक़ हंगरी के पूर्व प्रधानमंत्री विक्टोर ओरबान की फ़िदेश पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिल गया है. जीत के बाद फ़िदेश पार्टी ने एक नया सिस्टम स्थापित करने का वादा किया है. विक्टोर ओरबान ने जीत के बाद कहा, "लोकतांत्रिक तरीक़े से हम एक बड़ा परिवर्तन लाने में सफल रहे हैं जो अतीत में सिर्फ़ क्रांति के ज़रिए ही संभव था."
रिपोर्टों के मुताबिक़ फ़िदेश पार्टी को संसद की 386 सीटों में से 263 पर जीत हासिल हुई है. भारी जीत के चलते विक्टोर ओरबान को सरकार बनाने के लिए गठबंधन का सहारा नहीं लेना पड़ेगा और साम्यवाद के पतन के बाद यह पहला मौक़ा होगा जब बिना गठबंधन के सरकार का गठन होगा. माना जा रहा है कि इससे सुधार और और व्यवस्थागत बदलाव लागू करने में सरकार को आसानी होगी.
इससे पहले विक्टोर ओरबान 1998 से 2002 तक हंगरी के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. ओरबान की फ़िदेश पार्टी ने लोगों से नौकरियों के अवसर पैदा करने, टैक्स दरों में कटौती और नौकरशाही पर लगाम कसने का वादा किया था.
सत्ताधारी सोशलिस्ट पार्टी को महज़ 59 सीटें ही मिल पाई जबकि धुर दक्षिणपंथी योबिक को 47 सीटें मिली हैं. हंगरी में सोशलिस्ट पार्टी की पिछले आठ साल से सरकार है लेकिन चुनाव में हार के बाद पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफ़ा दे दिया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार