स्पॉट फिक्सिंग पर फैसला आज
११ जनवरी २०११दोहा में आईसीसी के ट्राईब्यूनल के सामने पाकिस्तानी तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ और पूर्व कप्तान सलमान बट के मतभेद खुलकर सामने आ गए. अपना बचाव करते हुए आसिफ ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में कप्तान सलमान बट ने उसने नो बॉल फेंकने के लिए कहा. आईसीसी के वकीलों के सामने आसिफ ने यह बात कही. इससे पहले आसिफ ने कहा था कि गेंदबाजी के दौरान अतिरिक्त जोर लगाने के चक्कर में उनसे नो बॉल हो गई.
इस बयान से सलमान बट की मुश्किलें बढ़नी तय हैं. माना जा रहा है कि स्पॉट फिक्सिंग केस में सबसे ज्यादा सजा और जुर्माना बट पर ही लगेगा. वैसे दागी खिलाड़ियों ने बच निकलने या कम सजा पाने के लिए बड़े बड़े वकील किए हैं. आसिफ का केस ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के भाई एलेक्जेंडर कैमरन लड़ रहे हैं. वहीं बट पाकिस्तान के सबसे बड़ी वकील के सहारे केस लड़ रहे हैं.
रविवार को तीनों खिलाड़ियों के वकीलों ने अपनी दलीलें आईसीसी के सामने रख दीं. इसके बाद सोमवार को सभी ने क्लोजिंग स्टेटमेंट भी दे दी. इसमें तीनों खिलाड़ियों ने खुद को दोषी न करार दिए जाने की अपील की है. माना जा रहा है कि मंगलवार को तयशुदा कार्रवाई के तहत तीनों को सजा सुनाई जाएगी. आईसीसी पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए खासा दबाव भी है. वर्ल्ड कप सामने है, ऐसे में आईसीसी कतई नहीं चाहेगी कि सजा या नरमी को लेकर फिर से कोई बहस छिड़े.
स्पॉट फिक्सिंग का यह मामला अगस्त 2010 का है. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान ब्रिटेन के एक सटोरिए ने कब नो बॉल फेंकी जाएगी, यह पहले ही बता दिया. सटोरिए मजहर मजीद को ब्रिटेन के एक अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के रिपोर्टरों ने स्पॉट फिक्सिंग के लिए 1,50,000 पौंड दिए. मजीद ने नो बॉल फेंकवाने के लिए स्पॉट फिक्सिंग करवाई. अगले ही दिन आसिफ और आमेर ने सटोरिए के दावे के मुताबिक ही ऐन वक्त पर नो बॉल फेंकी. बाद में स्टिंग ऑपरेशन का टेप बाहर आने पर पता चला कि सटोरिए मजहर मजीद ने कप्तान सलमान बट के साथ मिलकर स्पॉट फिक्सिंग की थी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन