स्पेन, ब्राजील, इंग्लैंड और अर्जेंटीना हैं दावेदार
११ जून २०१०वर्ल्ड कप के दावेदारों में इंग्लैंड भी शामिल है और कोच फैबियो कपेलो अपनी टीम को अनुशासन के दायरे में रखकर खिताब के पास लाने की तमन्ना रखते हैं. वेन रूनी, स्टीवन जेरार्ड, फ्रैंक लैम्पार्ड और जॉन टेरी जैसे सितारों से सुसज्जित इंग्लैंड की टीम के हौसले बुलंद हैं.
हालांकि डेविड बेकहम अपनी जादुई किक की छटा बिखेरते नजर नहीं आएंगे. रियो फर्डिनान्ड भी चोट के चलते टीम से बाहर हैं. इंग्लैंड वर्ल्ड कप में अपनी शुरुआत अमेरिका के साथ रविवार को मैच खेल कर करेगा.
स्पेन अब तक एक बार भी वर्ल्ड कप जीतने में सफल नहीं हो पाई है लेकिन इस बार उसने वॉर्म अप मैच में पोलैंड को 6-0 से मात देकर अपने इरादों की झलक दे दी है. लेकिन बार्सिलोना के मिडफील्डर जावी हर्नान्डेज टूर्नामेंट शुरू होने से पहले अपने पैरों को जमीन पर ही रखना चाहते हैं.
मौजूदा यूरोपीय चैंपियन स्पेन के पास विसेंट देल बोस्क जैसे मैनेजर हैं और बार्सिलोना और रियाल मैड्रिड के सितारों की लाइन लगी है. वैसे मिडफील्डर आंद्रेस इनिएस्ता को चोट की वजह से टीम के माथे पर चिंता की लकीरें भी हैं.
अफ्रीका या एशिया से अभी तक कोई भी टीम वर्ल्ड कप को अपने नाम नहीं कर पाई है और ऐसा होने के आसार इस बार भी कम ही हैं. लेकिन लातिन अमेरिकी टीमें हमेशा की तरह टूर्नामेंट की बड़ी दावेदारों में शामिल हैं.
ब्राजील इनमें सबसे आगे है और उसका पहला मैच उत्तर कोरिया से अगले मंगलवार को होना है. ब्राजील के मिडफील्डर इलानो ने कहा है कि वह उत्तर कोरिया के साथ मैच को हल्के में नहीं ले रहे हैं.
ब्राजील पांच बार वर्ल्ड कप जीत चुकी है और महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले ने भी कहा है कि इस साल ब्राजील और स्पेन के सितारे बुंलदियों पर नजर आ रहे हैं. हालांकि पेले चाहते हैं कि फाइनल में ब्राजील के सामने कोई अफ्रीकी टीम होनी चाहिए.
अर्जेंटीना की टीम भी बेहद ताकतवर है और कोच डिएगो मैराडोना घोषणा भी कर चुके हैं कि अगर टीम जीती तो वह ब्यूनस आयर्स की सड़कों पर कपड़े उतार कर दौड़ेंगे. वर्ल्ड कप का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने की मैसी की चाहत को धक्का लग सकता है क्योंकि उन्हें थके होने की आशंका भी जताई जा रही है.
अर्जेंटीना के फिटनेस कोच फर्नान्डो सिनोरीनी का कहना है कि मैसी दक्षिण अफ्रीका पहुंचे हैं और थके हुए हैं. लेकिन टीम के डॉक्टर के मुताबिक टीम के सभी 23 खिलाड़ी पूरी तरह से फिट हैं.
मिशाएल बलाक के न खेलने से जर्मनी को धक्का जरूर लगा है लेकिन युवा टीम अपने प्रदर्शन से उनकी भरपाई करना चाहेगी. फिलिप लाम के नेतृत्व में जर्मन टीम के पास अंतरराष्ट्रीय अनुभव की कमी है और यही वजह उसके लिए परेशान का सबब बन सकती है.
फ्रांस और इटली अपने रंग में आए तो फिर उन्हें रोक पाना मुश्किल ही होगा. मौजूदा वर्ल्ड कप चैंपियन इटली के पास बड़ा नाम भले ही न हो लेकिन टीम एकजुट होकर आश्चर्यजनक परिणाम देने का माद्दा रखती है. फिर भी इस साल मार्सेलो लिपी की टीम को जानकार ज्यादा भाव देने से बचते नजर आ रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा