स्पेन बना वर्ल्ड कप का विजेता, नीदरलैंड्स को 1-0 से हराया
११ जुलाई २०१०नीदरलैंड्स के 7 खिलाड़ियों को यलो कार्ड दिखाए गए और हाइटिंगा को दो यलो कार्ड्स मिलने के कारण खेल से बाहर जाना पड़ा. स्पेन को 5 यलो कार्ड्स दिए गए.
स्पेन और नीदरलैंड्स के बीच हुए फाइनल में पूरे मैच में स्पेन हावी रहा लेकिन उसने कई गलतियां भी की. गोल करने के कई मौके, फ्री किक्स स्पेन के खिलाड़ियों ने गंवाई. सामान्य समय के खत्म होने के 15 मिनट पहले स्पेन ने प्रतिद्वंद्वी टीम पर दबाव बढ़ाया जब विया दो बार गोल के बिलकुल नज़दीक पहुंच गए.
77 वें मिनट में लगा था कि रामोस गोल कर ही देंगे लेकिन गेंद गोल के थोड़े ऊपर से निकल गई. 82 वें मिनट में गेंद लेकर आर्यन रॉबन गेंद लेकर गोल तक पहुंचे लेकिन गोली ने पहले ही गेंद पकड़ ली. आखिरी मिनट तक कोई टीम गोल करने में सफल नहीं हुई.
30 अतिरिक्त मिनट टीमों को मिले हैं. पंद्रह पंद्रह मिनट के दो हाफ खेले जाएंगे. अतिरिक्त समय शुरू होने के कुछ ही समय बाद नीदरलैंड्स ने फाउल किया और स्पेन को कॉर्नर मिला. लेकिन ये गोल नहीं हो सका.
दोनों ही टीमों ने गोल करने के मौके गंवाएं. स्पेन या नीदरलैंड्स गोल के पास पहुंच कर कई बार हावी होने की बजाए कमज़ोर हो गई और गलत पास या गलत फैसले से कई मौके छूट गए.
गोल करने का पहला मौका स्पेन को मिला जब पुयोल ने पेद्रो को हेड पास दिया लेकिन पेद्रो पांच मीटर की दूरी से गेंद को गोल में नहीं पहुंचा सके.
इस मैच में 85 वे मिनट तक 9 यलो कार्ड दिखाए जा चुके थे. जिसमें नीदरलैंड्स को 6 और स्पेन को तीन यलो कार्ड दिखाए गए. नीदरलैंड्स के हेटिंगा, फान ब्रोन्खोर्स्ट, फान बोमेल, डे यॉंग, फान पर्सी, रॉबन को यलो कार्ड मिले तो स्पेन के पुयोल, काप दे विला, रामोस को भी यलो कार्ड दिखाए गए.
फुटबॉल वर्ल्ड कप के इतिहास में ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ है कि सामान्य समय में कोई भी टीम गोल करने में सफल नहीं हुई. 1994 में ब्राजील और इटली के बीच हुए फाइनल में ऐसा हुआ था. अतिरिक्त समय में भी कोई गोल नहीं हुआ. मैच का फैसला पेनल्टी किक से हुआ. पेनल्टी में सेलेकाओ के गोल के साथ 3-2 से ब्राजील वर्ल्ड कप जीता था. ये उसकी चौथी जीत थी.
वर्ल्ड कप फाइनल में सबसे ज़्यादा गोल करके जीतने का रिकॉर्ड ब्राजील के पास है. 1958 में उसने स्वीडन को 5-2 से हराया था.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे