स्पेन का 'पास' जीतेगा या जर्मनी का विश्वास
५ जुलाई २०१०जर्मनी यह सोच रहा है कि स्पेन के अद्भुत 'पास' से वह कैसे पार पाए तो स्पेन के कोच सोच रहे हैं कि विश्वास से लबरेज जर्मन टीम को रोकें, तो कैसे. अर्जेंटीना और इंग्लैंड की छुट्टी करने के बाद अब जर्मनी आठवीं बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने का रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है. वहीं स्पेन अगर बुधवार को डरबन में जर्मनी को हरा देता है तो वह पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचेगा.
जर्मन कोच योआखिम लोएव के लिए 29 जून 2008 को हुई यूरोपीय चैंपियनशिप की खिताबी जंग की कड़वी यादें अब भी ताजा हैं. उस वक्त स्पेनिश खिलाड़ी फर्नान्डो टेरेस के गोल ने जर्मनी को हरा दिया था. उस समय खेल रहे छह खिलाड़ी अब भी टीम में हैं जबकि मेसुत ओएज़िल, थोमास म्युलर, सामी खेदीरा, जेरोम बोटेंग और गोलकीपर मान्युएल नॉयर जैसे नए खिलाड़ी भी हैं.
इंग्लैंड और अर्जेंटीना के खिलाफ लोएवे की रणनीति कमाल दिखा चुकी है, जब जर्मनी ने दोनों साइड से आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया. इंग्लैंड को जर्मनी ने 4-1 से पीटा और अर्जेंटीना को क्वॉर्टर फाइनल में 4-0 से रौंदा. इंग्लैंड के खिलाफ लोएवे की कोशिश थी कि वह जॉन टेरी को डिफेन्स से बाहर रखें ताकि मिडफील्ड और आखिरी चार खिलाड़ियों के बीच दरार पैदा हो जाए, और यही हुआ भी.
वहीं अर्जेंटीना के विरुद्ध खेलते समय योआखिम ने प्रतिद्वंद्वी टीम को मिडफील्ड तक ही समेट दिया. कोई खिलाड़ी गोल के नज़दीक पहुंच ही नहीं पाया. शुरुआती समय में बढ़त बनाने से जर्मनी की स्थिति दोनों ही मैचों में मजबूत बनती चली गई.
अब स्पेन के साथ बुधवार को होने वाले मुकाबले में हालात थोड़े अलग होंगे. स्पेन की खूबी यह है कि उसके खिलाड़ी बॉल को दूसरी टीम के पास जाने ही नहीं देते. आन्द्रेस इनियेस्ता और जावी जैसे खिलाड़ी मैदान में हर जगह खेल पर कब्जा कर लेने और खेल की गति को पूरी तरह से कंट्रोल करने में समर्थ हैं.
जर्मनी को निलंबित थोमास म्युलर की जगह भी दूसरे खिलाड़ी को लेना होगा. वर्ल्ड कप में जर्मन खिलाड़ी मिरोस्लाव क्लोजे के कुल गोलों की संख्या 14 हो गई है और वह सबसे ज़्यादा गोल करने वाले रोनाल्डो से एक ही गोल पीछे हैं. क्लोजे का कहना है, "हम साथ बैठकर स्पेन की मजबूती और कमज़ोरियों का विश्लेषण करेंगे. वे बहुत अच्छा फुटबॉल खेलते हैं, निश्चित रूप से अर्जेंटीना और इंग्लैंड से बेहतर."
स्पेन के कोच डेल बॉस्क को फैसला करना है कि वह लीवरपूल के स्ट्राइकर फर्नान्डो टोरेस को विला के साथ बनाए रखें या फिर विला को अकेले फॉर्वर्ड पर भेजें. डेल का कहना है, "जर्मनी को किस तरह से रोका जा सकता है, इस बारे में बात करने का अब समय नहीं है. मुझे लगता है कि हमें अपनी स्टाइल पर भरोसा रखना चाहिए और अब तक जैसा खेल खेलते आए हैं वैसा ही आगे भी खेलना चाहिए."
रिपोर्टः डीपीए/आभा एम
संपादनः ए कुमार