सोशल मीडिया पर 2015 की सुर्खियां
चाहे आतंकी हमलों के विरोध में स्वर ऊंचा करना हो या नस्लवादी भेदभाव के खिलाफ आंदोलन चलाना हो - साल 2015 का हर महीना इन तमाम मुद्दों को सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय रहे हैशटैग के साथ उठाने का महीना रहा.
जनवरी: #JeSuisCharlie
फ्रेंच भाषा में इसका अर्थ है - "मैं चार्ली हूं". पेरिस में व्यंग्य पत्रिका के दफ्तर पर इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले के बाद मृतकों के साथ एकजुटता और अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन में यह हैशटैग दुनिया भर में इस्तेमाल किया गया.
फरवरी: #TheDress
काला और नीला या सफेद और सुनहरा? हैशटैग #TheDress के साथ सोशल मीडिया पर यह फरवरी का सबसे बड़ा सवाल रहा. माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट टंब्लर से शुरु हुआ ये सवाल सभी सोशल मीडिया पर छाया रहा, क्या आप जानते हैं सही जबाव?
मार्च: #GermanWings
जर्मनविंग्स का एक विमान आल्प्स पहाड़ियों में क्रैश हो गया और उस पर सवार सभी 150 लोग मारे गए. विमान के सहपायलट द्वारा जानबूझ कर विमान गिराने का पता चलने पर इस त्रासदी की और भी अधिक चर्चा हुई.
अप्रैल: #BlackLivesMatter
अमेरिका में दो अलग अलग घटनाओं में पुलिस की गोली का निशाना बने दो अश्वेत अमेरिकियों की मौत ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया. नस्लभेद और क्रूरता के आरोपों के साथ #BlackLivesMatter साल का सबसे महत्वपूर्ण हैशटैग बन गया.
मई: #HomeToVote
आयरलैंड वासियों ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने पर विश्व में पहला रेफरेंडम करवाया. अंत में कैथोलिक देश में करीब 60 फीसदी वोटों के साथ समलैंगिक विवाह को कानूनन वैध माने जाने का रास्ता साफ हुआ.
जून: #SelfieWithDaughter
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में अपने नियमित मन की बात कार्यक्रम में लोगों से अपनी बेटियों के साथ सेल्फी लेने का आह्वान क्या किया, सोशल मीडिया पर इसने एक अभियान का रूप ले लिया.
जुलाई: #Greferendum
ग्रीस पर छाया कर्ज संकट यूरोप में एक बड़ा मुद्दा रहा. ग्रीस ने बचत के उपायों पर आम राय को जानने के लिए जब रेफरेंडम करवाया तो बहुमत का जवाब तो #oxi यानि "नहीं" आया लेकिन प्रधानमंत्री सिप्रास की सरकार ने यूरोपीय संघ से धन ले कर तात्कालिक आर्थिक संकट को टालने का निर्णय किया.
अगस्त: #RefugeesWelcome
2015 में साल भर ही शरणार्थियों की चर्चा रही. दुनिया भर में करीब दो करोड़ लोग विस्थापित हुए. यूरोप पहुंचने वाले शरणार्थियों की ऐतिहासिक तादाद के बावजूद कई यूरोपीय देशों में #RefugeesWelcome के नारे के साथ उनकी ओर मदद के हाथ बढ़ाए गए.
सितंबर: #IStandWithAhmed
जब अमेरिकी प्रांत टैक्सास में एक 14-वर्षीय किशोर अहमद मुहम्मद को स्कूल से बम लाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया तो अमेरिका में फैले नस्लवादी भेदभाव और इस्लामोफोबिया की खूब चर्चा रही. असल में अहमद ने घर पर खुद एक घड़ी बनाई थी जिसे बम समझा गया.
अक्टूबर: #FeesMustFall
दक्षिण अफ्रीका के छात्र पढ़ाई की फीस में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव के विरोध में सड़कों पर उतरे. एक हफ्ते से भी लंबे चले विरोध प्रदर्शन का पुलिस ने आंसू गैस और फ्लैश ग्रेनेड से जवाब दिया, लेकिन अंतत: राष्ट्रपति जैकब जूमा ने फीस वृद्धि की योजना को टाल दिया.
नवंबर: #PrayForParis
जनवरी के आतंकी हमलों के बाद एक बार फिर पेरिस निशाने पर रहा. आतंकवादियों ने फ्रेंच राजधानी में 130 लोगों की जान ले ली और 350 से अधिक घायल हुए. दुनिया भर से #PrayForParis की गूंज उठी.
दिसंबर: #COP21
दिसंबर ही नहीं पूरे साल की सबसे महत्वपूर्ण घटना माना गया पेरिस में हुए संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन को. करीब 200 देशों के राजनीतिज्ञों ने मिलकर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाकर विश्व को बचाने का संकल्प लिया.