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सोते रह गए मुख्यमंत्री

५ अप्रैल २०१४

पिछले हफ्ते जर्मनी सहित यूरोप में समय बदला है. गर्मियों के लिए घड़ी को जाड़े के समय से एक घंटे बढ़ा दिया गया. बवेरिया के मुख्यमंत्री जेहोफर ये भूल गए और सोते ही रह गए.

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तस्वीर: Fotolia/fottoo

बवेरिया के मुख्यमंत्री हॉर्स्ट जेहोफर की सीएसयू पार्टी जर्मनी के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल है. सोमवार सुबह चांसलर के साथ गठबंधन की पार्टियों के अध्यक्षों की टेलिफोन कांन्फ्रेंस होती है. चांसलर गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी सीडीयू की अध्यक्ष भी हैं. घड़ी का समय बदलने का काम वीकएंड में होता है ताकि लोग एडजस्ट कर सकें. लेकिन सोमवार की सुबह जब आठ बजे तो जेहोफर की घड़ी सात ही बजा रही थी और वे आराम से सो रहे थे.

बवेरिया के मुख्यमंत्री ने एक अखबार को बताया कि जब सुबह उनके मोबाइल फोन की घंटी बजी तो वे बिस्तर में ही थे. जब घंटी लगातार बजती रही और बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी तो उन्हें अचानक ध्यान आया कि अरे समय बदल गया है. जेहोफर फटाफट बिस्तर से निकले और झटपट तैयार हुए. आठ बजे के लिए तय टेलिफोन कॉन्फ्रेंस 8.07 बजे शुरू हो पाई.

जर्मनी में हर साल मार्च और अक्टूबर में समय बदलने पर विवाद है. यूरोप में गर्मियों में सुबह जल्दी होती है और अंधेरा देर से होता है. प्राकृतिक रोशनी का इस्तेमाल करने और बिजली बचाने के लिए गर्मियों में घड़ी की सूई एक घंटा बढ़ाने और जाड़ों से पहले उसे एक घंटा पीछे करने की परंपरा शुरू हुई थी. बवेरिया की वाणिज्यमंत्री इल्जे आइगनर इसे खत्म करवाने की पहल शुरू कर रही है. उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में एक समर्थक मिल गया है. जेहोफर ने अखबार से कहा, "मैंने आइगनर से कहा, तुम भरोसा कर सकती हो कि हम इसका समर्थन करेंगे."

CSU Horst Seehofer
बवेरिया के मुख्यमंत्री हॉर्स्ट जेहोफरतस्वीर: picture-alliance/dpa

गर्मियों और जाड़ों में समय बदलने के समर्थक कम होते जा रहे हैं. वैज्ञानिकों का तो कहना है कि इससे स्वास्थ्य को भी नुकसान होता है. वाशिंगटन में कार्डियोलॉजी कांग्रेस में पेश एक अमेरिकी स्टडी के अनुसार समय बदलने के बाद सोमवार को हार्ट अटैक के मामले 25 फीसदी बढ़ जाते हैं. इसकी वजह सोने में एक घंटे की कमी को समझा जा रहा है. इसका उलटा असर सर्दियों में होता है जब समय बदलने के बाद पहले मंगलवार को हार्ट अटैक की संख्या में 21 फीसदी की कमी होती है. शायद एक घंटा ज्यादा सोने के कारण.

रिसर्चरों का कहना है कि अगले सात दिनों में हार्ट अटैक के मामले साल के औसत पर उतर आते हैं. इस स्टडी के लेखक कोलराडो यूनिवर्सिटी के अमनीत संधु कहते हैं, "इसका मतलब है कि दिल की बीमारी का सामना कर रहे लोगों के लिए समय का बदलना जोखिम भरा हो सकता है." दिक्कत सिर्फ यह है कि इस स्टडी के लिए मिशिगन के सिर्फ एक क्लीनिक का डाटा इस्तेमाल किया गया है. पुराने शोध दिखाते हैं कि साल भर सोमवारों को सबसे ज्यादा हार्ट अटैक होते हैं.

जर्मनी में मार्च के अंतिम शनिवार रविवार की रात 2 बजे घड़ी की सूई बढ़ाकर 3 बजे कर दी जाती है. इस तरह रात की अवधि एक घंटे घट जाती है. सालों से इसे खत्म करने पर बहस हो रही है. जर्मनी की सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा कंपनी डीएके के एक सर्वे में 70 फीसदी लोगों ने समर टाइम को खत्म किए जाने की मांग की है. करीब 25 फीसदी लोगों का कहना है कि इसकी वजह से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है.

समय बदलने का असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि जानवरों पर भी होता है. जर्मनी के शिकारी संघ का कहना है कि शुरुआती दिनों में सड़कों पर दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है. वसंत में हिरण और दूसरे जानवर सुबह में चारे की खोज में होते हैं और जंगलों से गुजरने वाले सड़क भी पार करते हैं. शिकारी संघ के टॉर्स्टन राइनवाल्ड कहते हैं, "समय बदलने से कामकाजी परिवहन एक दिन के अंदर सुबह अंधेरे में ही शुरू हो जाता है, जिस समय हिरण सुरक्षित महसूस करते हैं और बिना डर के सड़क पार करते हैं." संघ के अनुसार पिछले साल जंगली जानवरों के साथ सवा दो लाख दुर्घटनाएं हुईं.

एमजे/एएम (एएफपी, डीपीए)