सुहाना सफर, साइकिल पर
बर्फ और ठंड का मौसम खत्म हुआ. अब जर्मनी में तापमान बढ़ रहा है और साइकिल चलाने वालों की संख्या भी.
चलो साइकिल पर
करीब करीब हर जर्मन के पास साइकिल है. इनकी कुल संख्या सात करोड़. इनमें पुरानी साइकिलों की गिनती नहीं जो स्टोर हाउस में पड़ी हुई हैं. अब नई साइकिलों का जमाना है. गर्मियों के मौसम में साइकिल की सवारी का मजा ही कुछ और है.
ई बाइक
पहला धूप से भरपूर रविवार, परिवार के साथ सैर. फिर बच्चों को थकान तो होती है. साइकल में एक्स्ट्रा मोटर इन बच्चों को खींचने में मदद करती है.
पेडलेक
पेडल इलेक्ट्रिक साइकिल यानी मोटर वाली साइकिल. जर्मनी में इनका फैशन बढ़ता जा रही है. पहले इन्हें सिर्फ बूढ़े लोगों के लिए बनी साइकिल माना जाता था. अब ऐसी माउंटेन बाइक्स से लेकर हर तरह की साइकिल हैं.
बच्चों का बक्सा
स्कूल जाना हो या शॉपिंग में. बच्चों को साइकल के पीछे लगे बक्से में बिठा कर ले जाना बहुत काम आता है.
तह कर दो
पहले साइकिल को आधा कर दिया जा सकता था. अब तो इसे बाकायदा तह किया जाता है. ये हल्की हैं और ट्रेन में सामान्य साइकिल के ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं, इसके लिए नहीं.
चीयर्स
साइकिल चलाना वो भी बिना जूस, वाइन के कैसे चलेगा. तो लीजिए हाजिर है यह खूबसूरत स्टैंड बोतल लगाने के लिए अब तो कोई शिकायत नहीं.
स्टाइल
क्रूजर नाम वाली यह साइकिल अपने मालिक के इंतजार में है. ये साइकिलें बहुत आरामदेह होती हैं और आकर्षक भी.
दो पहिए पर छुट्टी
साइकिल पर लंबी सैर का मजा अलग ही है. प्रकृति के बीचों बीच, खुली हवा और भरपूर कसरत. कई परिवार जर्मनी में साइकिल पर छुट्टी मनाने जाते हैं.
एक साइकिल ऐसी भी
एक पहिए की साइकिल सिर्फ सर्कस में ही नहीं अब सड़कों पर भी चलती है. बच्चों से लेकर बड़ों तक इसके दीवाने हैं. पहाड़ी पर भी ये साइकल चलाने वाले कम नहीं.
याद में
जर्मनी में साइकिल का रास्ता अलग होने पर भी दुर्घटनाएं होती हैं. इस दुर्घटना स्थल पर रोज ताजे फूल रखे जाते हैं.