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सुबह की रोशनी से घटता वजन

७ अप्रैल २०१४

आधुनिक दौर में स्लिम होने की चाह समाज के हर तबके में है लेकिन डायटिंग करना आसान नहीं और अक्सर समय की कमी की वजह से वर्जिश भी नहीं हो पाती. लेकिन अगर यह काम सिर्फ सुबह की रोशनी से हो जाए तो?

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तस्वीर: Fotolia/detailblick

अमेरिकी रिसर्चरों के अनुसार दुबला होना बेहद आसान हो सकता है. इसमें बस उतनी ही मेहनत लगेगी जितनी कि सुबह उठने में लगती है. 54 लोगों पर आधारित इस शोध में पाया गया कि ऐसा जरूरी नहीं कि जो सबसे दुबला है उसका आहार बहुत नियमित है. या फिर यह कि वह औरों के मुकाबले बहुत कसरत कर रहा है. हालांकि ये वे लोग निकले जो दिन के शुरुआती समय में सूर्य के प्रकाश का ज्यादा सामना करते हैं.

बीएमआई पर असर

नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों की यह रिपोर्ट विज्ञान पत्रिका प्लोस वन में छपी है. इस रिपोर्ट को अन्य रिसर्चरों साथ मिलकर तैयार करने वाली कैथरीन राइड कहती हैं, "दिन भर में प्राकृतिक प्रकाश का सामना जितना जल्दी होता है, व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स उतना ही कम होता है." राइड नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी के फाइनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोलॉजी की प्रोफेसर और रिसर्चर हैं.

शरीर के दुबलेपन का उसके बॉडी मास इंडेक्स से सीधा संबंध है. बीएमआई का आंकलन व्यक्ति की ऊंचाई और भार के आधार पर होता है. बीएमआई कम होने का मतलब है शरीर का ज्यादा छरहरा होना. राइड ने पाया कि जिन लोगों का प्रकाश के साथ सामना दिन के शुरुआती समय में न होकर देर से होता है उनका बीएमआई ज्यादा था.

इस शोध में शामिल किए गए लोगों की औसत आयु 30 वर्ष है. उन्हें कलाई पर रिस्ट मॉनीटर पहनाया गया जिससे उनके सोने की अवधि और प्रकाश से उनका सामना होने की अवधि को मापा जा सके. इसके अलावा इस मॉनीटर के जरिए सात दिनों तक उनके खानपान पर भी नजर रखी गई.

कौन सा समय खास

रिसर्चरों ने पाया की सुबह मिलने वाली रोशनी से बॉडी मास इंडेक्स प्रभावित हो रहा है. फिर चाहे वह व्यक्ति शारीरिक श्रम कर रहा हो या नहीं. वह कितना खा रहा है, कितना सो रहा है या उसकी उम्र कितनी है, इस सब से कोई फर्क नहीं पड़ा. सामने आए परिणामों के अनुसार सुबह की रोशनी से व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स बीस फीसदी तक प्रभावित होता है.

इस रिसर्च में शामिल एक और वैज्ञानिक फिलिस जी ने कहा, "आपके शरीर की आंतरिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने में प्रकाश का खास महत्व है" उनके मुताबिक सुबह आठ बजे से दोपहर बारह बजे के बीच जितना ज्यादा हो सके रोशनी में रहना चाहिए, इसे गंवाना नहीं चाहिए. बीस से तीस मिनट उजाले में रहना बीएमआई के लिए फायदेमंद है. यानि जो लोग दिन में सोने और रात में जागने में विश्वास रखते हैं, उन्हें शायद दोबारा सोचने की जरूरत है.

एसएफ/एएम (एएफपी)