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सुप्रीम कोर्ट जाएंगे निलंबित विधायक

२९ अक्टूबर २०१०

कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य के विधानसभा अध्यक्ष के 11 बीजेपी विधायकों को निलंबित करने के फैसले को सही करार दिया है. इस फैसले के साथ ही कर्नाटक सरकार पर मंडरा रहा संकट भी खत्म हो गया है. अब येदियुरप्पा की सरकार बनी रहेगी.

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येदियुरप्पा की एक और जीततस्वीर: UNI

कर्नाटक की बीजेपी सरकार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कर्नाटक हाई कोर्ट के एक और जज ने विधानसभा अध्यक्ष के उस फैसले को सही ठहराया है जिसमें बीजेपी के 11 बागी विधायकों को निलंबित किया गया.

जस्टिस वीजी सभाहित ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया का फैसला भारतीय संविधान के दल बदल कानून की 10वीं सूची के पैरा 2(1)(a) के तहत बिल्कुल सही है. इस बारे में पहले दो जजों वाली डिविजन बेंच के जजों में सहमति नहीं बन पाई थी. चीफ जस्टिस खेहर ने निलंबन को सही माना जबकि दूसरे जज जस्टिस एन कुमार ने इसे गलत बताया.

इसके बाद चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने इसे तीसरे जज को सुनवाई के लिए सौंप दिया था. अब तीन में दो जज इस बात पर सहमत हो गए हैं कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला सही है.

हाई कोर्ट के इस फैसले को निलंबित विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है.

इस महीने की शुरुआत में बीजेपी के 11 विधायकों समेत कुल 16 ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद बीएस येदियुरप्पा की सरकार संकट में आ गई. उनके विधायकों की संख्या बहुमत से कम हो गई लिहाजा राज्यपाल ने उन्हें सदन में बहुमत साबित करने को कहा.

लेकिन विश्वास मत से पहले ही विधानसभा अध्यक्ष केजी रोसैया ने बीजेपी के विधायकों को दल बदल कानून के तहत निलंबित कर दिया. इसके चलते विधानसभा में विधायकों की संख्या कम हो गई और बीजेपी सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया. लेकिन राज्यपाल ने इसे गलत बताते हुए मुख्यमंत्री से दोबारा बहुमत साबित करने को कहा. जब विधायकों की संख्या उतनी ही रही तो मुख्यमंत्री के लिए बहुमत साबित करना मुश्किल नहीं रहा.

विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सभी बागी विधायकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दे डाली. इसी चुनौती पर हाई कोर्ट ने फैसला दिया है कि स्पीकर का फैसला सही था.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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