सुपरबग को रखें रसोई से दूर
केवल अस्पतालों में ही नहीं बल्कि सुपरबग की पहुंच आपके किचन में हो सकती है. एंटीबायोटिक दवाइयों से नियंत्रण में ना आने वाले सुपरबग को खुद से दूर रखने के लिए उठाएं ये कदम.
सूअर से घर तक
औद्योगिक स्तर पर की जा रही जानवरों की ब्रीडिंग में एंटीबायोटिक्स का खूब इस्तेमाल होता है. इन्हीं जानवरों का कच्चा मांस जब पैक होकर हमारे नजदीकी सुपरमार्केट की रैक पर पहुंचता है, तब उसमें कई सारे जिद्दी एंटीबायोटिकरोधी बैक्टीरिया पनप चुके होते हैं. यह सुपरबग हमें गंभीर रूप से बीमार कर सकते हैं.
डीफ्रॉस्ट करना है जरूरी
जितना बड़ा मांस का टुकड़ा होगा, उतना जरूरी हो जाता है उसे ठीक से डीफ्रॉस्ट करना. इसके बाद जब इसे पकाया जाएगा तो मांस का टुकड़ा उस तापमान तक पहुंच पाएगा, जिस पर बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं.
सही बर्तनों का इस्तेमाल
विशेषज्ञ बताते हैं कि सब्जियां या मांस काटने के लिए जिस कठोर चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल किया जाता है, वह कांच का बना होना चाहिए. प्लास्टिक या लकड़ी के बने बोर्ड में चाकु से लगने वाले कटों में खाने की चीजें फंस जाती हैं और उसमें कीटाणु पनप सकते हैं.
सही तापमान तक पकाना
70 डिग्री सेल्सियस तक पकाने पर भोजन के सभी रोगाणु मर जाते हैं. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि कच्चे मांस को खूब अच्छी तरह तेज आंच पर पकाया जाए. कई बार माइक्रोवेव में पकाने पर सभी रोगाणु नहीं मरते.
हाथों को धोना
हाथ साफ पानी और साबुन से धोने के बाद ही खाना पकाएं. इसके अलावा कच्चे मांस, अंडे, मछली वगैरह छूने के बाद भी हाथों को जरूर धोना चाहिए.