तुर्की में बढ़ते शरणार्थियों से मुश्किल
२३ सितम्बर २०१४तुर्की के उप प्रधानमंत्री नुमान कुर्तुलमुस ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में ही तुर्की की सीमा की ओर आने वाले सीरियाई कुर्दों की संख्या एक लाख तीस हजार तक पहुंच गई है. ये सभी आईएस के डर से सीरिया छोड़ कर भागे हैं. कुर्तुलमुस ने ये संख्या और बढ़ने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, "हम हजारों शरणार्थियों के यहां पहुंचने पर पैदा होने वाले हालात के लिए तैयार हैं."
तुर्की में पहले ही सीरिया के 10 लाख से ज्यादा शरणार्थी रह रहे हैं. सीरिया में साढ़े तीन साल से जारी संघर्ष के कारण वहां से विस्थापित लोग आस पास के देशों में गए हैं. इस बीच इराक और लेबनान में भी आईएस के डर से लोग भाग रहे हैं.
तुर्की में आपात मामलों के मंत्रालय एएफएडी ने कहा कि शरणार्थियों की बढ़ती संख्या के कारण देश सीमा से आने वाले लोगों को रोकने के लिए मजबूर है. हालांकि शुक्रवार को तुर्की ने इन लोगों को फिर देश की सीमा में आने दिया. एएफएडी के अधिकारी ने कहा, "सीमा खुली है लेकिन सिर्फ मुर्सितपिनार पर ताकि क्रॉसिंग व्यवस्थित तरीके से हो सके." अधिकारी ने जानकारी दी कि रोक से शरणार्थियों की भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा और जरूरत पड़ने पर चिकित्सीय सहायता दी जा सकेगी.
अत्याचार
सीरियाई कुर्द आइन अल अरब के आस पास वाले इलाकों से भाग रहे हैं. कुर्द भाषा में इस इलाके को कोबानी भी कहा जाता है. इस्लामिक स्टेट के लड़ाके इस शहर की ओर बढ़ रहे हैं. बताया जाता है कि कोबानी सीरिया में कुर्दों का तीसरा सबसे बड़ा इलाका है. अभी तक तुलनात्मक रूप से सुरक्षित शहर होने के कारण यहां देश के अलग अलग हिस्सों से विस्थापित करीब दो लाख लोग रह रहे थे.
सीरिया से आए शरणार्थियों ने बताया कि आईएस के लड़ाकों ने पत्थर मार कर जान से मारने, सिर काटने और घर जला देने जैसे अत्याचार किए हैं. सीरिया इराक की सीमा पर कई शहरों को आईएस ने अपने कब्जे में ले लिया है. और तुर्की से लगे सीरिया के कुर्द इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं.
ब्रिटेन से काम करने वाले सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स नाम के संगठन ने कहा है कि आईएस ने पिछले बुधवार से अब तक इस इलाके के करीब 64 गावों को अपने कब्जे में ले लिया है.
एएम/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)