सीरिया के छिपे हुए रासायनिक हथियार
३ मई २०१४जानकारों का कहना है कि आधिकारिक रूप से भले ही रासायनिक हथियारों को त्यागने की बात हो रही हो पर सच्चाई यह है कि ऐसे कई रसायन हैं जिनका हथियारों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि राष्ट्रपति बशर अल असद ने इस तरह से रसायनों का भंडार छिपा कर रखा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि खुफिया एजेंसियों के पास इस तरह के भंडारों की खबर है.
सीरिया इन आरोपों का खंडन कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र में सीरिया के प्रतिनिधि बशर जाफरी का कहना है कि अगर किसी के पास इस बात के प्रमाण हैं, तो उन्हें रासायनिक हथियारों के निषेध के लिए बने संगठन ओपीसीडब्ल्यू के सामने उन्हें प्रस्तुत करना चाहिए. ओपीसीडब्ल्यू पिछले कुछ महीनों से सीरिया के रासायनिक हथियारों पर नजर रखे हुए है. लेकिन जब डॉयचे वेले ने उनसे इन अटकलों के बारे में पूछा, तो उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.
संगठन ने रासायनिक हथियारों की जो सूची तैयार की है, उसमें सब तरह के रसायन नहीं हैं. कुछ समय पहले सीरिया में क्लोरीन गैस से हमलों की खबर आई. यह बेहद खतरनाक गैस है और इसका इस्तेमाल पहले विश्वयुद्ध के दौरान भी किया गया था. रासायनिक हथियारों के जानकार राल्फ ट्राप बताते हैं, "क्लोरीन गैस का बहुत ही घातक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. यह हवा से भारी होती है, इसलिए यह इमारतों के तहखानों में रुकी रह सकती है.
नामुमकिन है प्रतिबंध
ट्राप का कहना है कि इस खतरे को जानते हुए भी क्लोरीन पर प्रतिबंध लगाना नामुमकिन है क्योंकि औद्योगिक स्तर पर इसका कई जगह इस्तेमाल होता है. घरों में आने वाले पानी को साफ करने के लिए भी क्लोरीन का ही इस्तेमाल किया जाता है. ट्राप कहते हैं, "केमिकल इंडस्ट्री में कई तरह के जहरीले रसायन होते है. अगर आप उनका लोगों के खिलाफ इस्तेमाल करेंगे तो लोगों को नुकसान पहुंचेगा, उनकी जानें जाएंगी. किसी भी रसायन को जहर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. आप केमिस्ट्री से तो छुटकारा नहीं पा सकते."
हर रसायन का अलग तरह का असर होता है. सरीन क्लोरीन से कई गुना ज्यादा घातक है. पिछले साल अगस्त में सीरिया में इसी गैस का इस्तेमाल किया गया, जिससे सैकड़ों लोगों की जान गयी. इसके बाद ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सीरिया पर दबाव बनाना शुरु किया. कई पश्चिमी कूटनीतिज्ञों का कहना है कि सीरिया के पास अब भी सरीन मौजूद है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से लिखा है कि ओपीसीडब्ल्यू के निरीक्षण से पहले ही भारी मात्रा में सरीन गायब करा दी गयी. बशर जाफरी का कहना है कि इस तरह के आरोप लगा कर सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश की जा रही है. वहीं ट्राप का कहना है कि भविष्य में सीरिया में लगतार निरीक्षण हुआ करेंगे और ऐसे में देश पर दबाव बना रहेगा.
रिपोर्ट: क्लाउस यानसेन/आईबी
संपादन: महेश झा