सितंबर में ओबामा से मुलाकात
२१ अगस्त २०१३भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने हाल में अलग अलग कहा है कि दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होनी चाहिए. इसके बाद दोनों ही प्रधानमंत्रियों को उनके देशों में सवालों के कठघरे में खड़ा किया गया. इसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव शुरू हो गया है, जिससे उनके रिश्ते एक बार फिर मुश्किल राह पर खड़े दिख रहे हैं. मनमोहन सिंह लगभग नौ साल से भारत का प्रधानमंत्री पद संभाल रहे हैं, जबकि पाकिस्तान में हाल ही में नवाज शरीफ दोबारा प्रधानमंत्री बने हैं.
भारत पर अमेरिका का दबाव है कि वह पाकिस्तान के साथ रिश्ते सामान्य करे ताकि दक्षिण एशिया में शांति स्थापित हो सके. अमेरिका के लिए मौजूदा समय में इस इलाके में स्थिरता बेहद जरूरी है क्योंकि अगले साल उसकी सेना अफगानिस्तान से हटने वाली है. भारत को दक्षिण एशिया का सबसे ताकतवर देश समझा जाता है.
हाल में अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो बाइडन और विदेश मंत्री जॉन केरी ने भारत का दौरा किया है और अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा की है. भारत और पाकिस्तान दोनों ही अफगानिस्तान में अपनी भूमिका बढ़ाना चाहते हैं. हालांकि खुद अफगानिस्तान कई बार इस बात का संकेत दे चुका है कि वह पाकिस्तान से बहुत करीबी नहीं चाहता है.
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सूजन राइस ने भारतीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के बातचीत के बाद प्रधानमंत्री सिंह और राष्ट्रपति ओबामा के मुलाकात के बारे में जानकारी दी. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल की प्रवक्ता कैटलिन हेडन का कहना है, "दोनों ने सुरक्षा सहयोग पर अपने विचार बांटे, असैनिक परमाणु संधि के मुद्दे पर चर्चा की और जलवायु परिवर्तन पर भी मशविरा किया गया."
हेडन ने कहा, "एंबेसडर राइस और एनएसए मेनन ने स्थिर, सुरक्षित और खुशहाल अफगानिस्तान पर भी चर्चा की." ओबामा ने 2010 में भारत का दौरा किया था, जबकि प्रधानमंत्री सिंह 2009 में व्हाइट हाउस आ चुके हैं.
अगले साल भारत में चुनाव से पहले एक बार फिर ओबामा व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्वागत करेंगे. दोनों के बीच व्यापार और निवेश पर भी बातचीत होगी.
एजेए/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)