सागर किनारे...
बच्चे तब तक अपनी कारीगरी दिखाते रहते हैं जब तक कि लहर उन्हें अपने साथ बहला न ले जाए. लेकिन घरौंदे बनाना सिर्फ छुट्टियों का शगल नहीं है, उसने कला का रूप ले लिया है.
कला है रेत का घरौंदा
रेत का किला. बच्चे अक्सर समुद्र तट पर कोई सुंदर सा इंसान या महल बनाने में घंटों गुजार देते हैं. शाम होते होते किले समुद्र की लहरों की भेंट चढ़ जाते हैं. अच्छी बात यह है कि तट पर पर्याप्त रेत होती है. अगले दिन फिर शुरू होता है कारीगरी का नया सिलसिला. और बड़ा, और सुदंर.
बेल्जियम के रेतीले किले
रेत की भव्य इमारतों की बात हो तो पहले नंबर पर यूरोप का बेल्जियम आता है. बेल्जियम के उत्तरी समुद्र तट पर सालों से रेत की प्रतिमाओं का महोत्सव होता है. इस समय गोदीनगर ओस्टएंडे में ऐसे किलों और आकृतियों की प्रदर्शनी लगी है जिन्हें लोग डिसनी की फिल्मों से जानते हैं.
बर्फ की रानी
ओस्टएंडे में बर्फ की रानी एल्जा भी दिखाई जा रही है. 12 देशों के 30 कलाकारों ने अपनी आकृतियों को करीने से अंतिम रूप दिया है. डिसनी वर्ल्ड के लिए उन्होंने कार्टून के 150 मोटिव समुद्र तट पर रेत से तैयार किए हैं. रेत की आकृतियों को सितंबर तक वर्षा और तूफान का सामना करना होगा.
भारी जरूरत
इन आकृतियों को बनाने के लिए किसी सांचे का सहारा नहीं लिया गया है. करनी और पानी की पाइपों की मदद से सैंड आर्टिस्ट इन आकृतियों को अंतिम रूप देते हैं. बालू में पानी मिलाकार उन्हें सख्त कर दिया जाता है. एक दूसरे पर डाल कर उन्हें बड़ा आयाम दिया जा सकता है. देखकर ऐसा लगता है कि इनमें रहा जा सकता है.
समुद्र में रेत जैसा
बेल्जियम अपने रेत के घरौंदों वाले महोत्सवों के लिए मशहूर है. लेकिन दूसरे देशों में भी सैंड आर्टिस्ट दिल से इस तरह की प्रतिमाएं बनाते हैं. मेलबर्न के दक्षिण में फ्रैंकस्टन बीच पर रेत के घरौंदों की प्रदर्शनी इस बीच परंपरा बन चुकी है. 2013 के महोत्सव को नारा था समुद्र के नीचे.
कैसे टिकता है यह
रेत के ये बड़े बड़े घर इतने समय तक कैसे टिकते हैं? यह सवाल इन आर्ट पीस को देखकर बहुत से लोगों के मन में आता है. यहां स्विट्जरलैंड के रोशाख के महोत्सव में पर्यटक रेत की प्रतिमाओं का आनंद ले रहे हैं.कभी कभी मशीनों की मदद से रेत को बलुआही पत्थर में बदल दिया जाता है.
रेत के नमूने
लेकिन महीन रेत भी हर मौसम को बर्दाश्त नहीं कर पाती. इसका पता 2007 में जर्मनी में रुअर के महोत्सव के दौरान चला. इस साल इसकी शुरआत हुई और 2008 में अंतिम महोत्सव हुआ. 2007 में वह भारी बारिश की भेंट चढ़ गया तो अगली बार भयानक गर्मी की.
जापानी रेतकला
जापान में भी साल में एक बार रेत की खुदाई होती है और उसे जमा कर इमारतें बनाई जाती हैं. जापानी प्रतिमाओं में कलात्मकता पर काफी जोर देते हैं. 2006 में टोटोरी शहर में रेत की कलाकृतियों का दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजियम खुला.
सही किला
सैंड आर्टिस्ट का पेशा अपनाने वाले दुनिया भर में बहुत कम कलाकार हैं. रेत के साथ काम करने वाले कलाकारों को कलाकृति बनाने के लिए हाथ के हुनर के अलावा बहुत धैर्य की भी जरूरत होती है. लेकिन बच्चे को भी पता है कि सपने का किला खुद बनाया जाता है.