साइन बोर्ड की भाषा
कभी सड़क पर लगे साइन बोर्ड पर तो कभी किसी मशीन पर, ये अजीबो गरीब निशान दिख जाते हैं. इनका मकसद तो निर्देशों को आसान बनाना है, पर क्या वाकई इन्हें देख कर समझ आ जाता है कि ये बताना क्या चाह रहे हैं?
अपनी टोपी उठाओ
जर्मनी और यूरोप के अधिकतर देशों में 1968 में तय वियना कनवेंशन के आधार पर ही सड़क पर साइन बोर्ड लगे हैं. लेकिन इनमें से कुछ उलझन में डालने वाले हैं. मिसाल के तौर पर यह साइन बोर्ड आपको एक टांग पर खड़े हो कर अपनी टोपी उठाने को नहीं कह रहा, बल्कि बता रहा है कि चौकन्ने रहिए क्योंकि आगे टकरा कर गिरने का खतरा है.
किस तरफ जाएं?
वियना के ऑटो नॉयराथ ने 1925 से 1934 के बीच आइसोटोप नाम का एक तरीका इजाद किया जिसकी मदद से तस्वीरों के जरिए कोई बात समझाई जा सके. 1936 में उन्होंने 'इंटरनेश्नल पिक्चर लैंग्वेज' नाम की किताब निकाली जिसे इस तस्वीर में देखा जा सकता है. पर आखिर ये निशान किस तरफ जाने का संकेत दे रहा है?
जाएं या ना जाएं?
अधिकतर साइन बोर्ड पर कोई चित्र बना कर अगर उसे काटा गया हो तो मतलब होता है कि ऐसा ना करें. लेकिन जर्मनी में अगर साइन बोर्ड के चारों तरफ लाल घेरा हो तो भी यही कहा जा रहा होता है. यानि इस रास्ते पर न तो आप घुड़सवारी कर सकते हैं, ना ही मोटरसाइकल और कार ले कर जा सकते हैं.
पार्क या सड़क?
रिहायशी इलाकों में यह साइन बोर्ड बहुत आम है. इसका मतलब यह नहीं है कि आप घर के पास गाड़ी पार्क कर के बच्चों के साथ गार्डन में खेल सकते हैं. यह किसी खेल के मैदान का साइन बोर्ड नहीं है, बल्कि यह इस बात को दर्शाता है कि इस इलाके में लोग रहते हैं, सड़क पर बच्चे हो सकते हैं, इसलिए गाड़ी बहुत धीरे चलाएं.
ट्रेन में डांस
जी नहीं, यह साइन बोर्ड आपको ट्रेन में या फिर प्लेटफॉर्म पर नाचने के लिए नहीं कह रहा है. यह आपको चेतावनी दे रहा है कि अगर आप प्लेटफॉर्म पर बहुत आगे खड़े हैं तो ट्रेन के आने पर आप फिसल भी सकते हैं और आपकी जान जा सकती है. भारत में दिल्ली मेट्रो के दरवाजों पर भी ऐसे साइन दिखते हैं.
वॉशिंग मशीन पर
जर्मनी में मशीन से कपड़ा धोने के लिए इन सब निशानों का मतलब पता होना जरूरी है. यहां मशीन पर केवल ऑन ऑफ का बटन नहीं होता, बल्कि कितने पानी की जरूरत है, पानी कितना गर्म हो, कपड़े कितने हैं, किस तरह के हैं, कितनी देर तक धुलने हैं, ऐसी बहुत सी सेटिंग्स के बारे में पता होना जरूरी है.
डब्बे में बंद
आइसोटोप का सिद्धांत है कि हर साइनबोर्ड में हर आकृति का आकार बराबर हो, ताकि किसी एक को ज्यादा अहमियत ना मिले. यह इसलिए भी जरूरी है कि गलती न हो और निशान का सही मतलब समझा जा सके. यह साइन बोर्ड बता रहा है कि आग की स्थिति में लिफ्ट का प्रयोग ना करें.
ठहर जाओ!
फिल्म सांवरिया के गाने में जब रणबीर कपूर का सफेद रंग का तौलिया गिरा तो वह सुर्खियों में छा गए. इस निशान के बारे में भी जर्मनी में इसी तरह का मजाक किया जाता है. निशान कह रहा है कि रुक जाओ, इसके आगे जाने की अनुमति नहीं है. लोग कहते हैं कि यह एक ऐसे आदमी की तस्वीर है जिसका तौलिया गिर रहा है.
बिलकुल साफ साफ
कुछ साइन बोर्ड तो इतने विस्तार में बात समझा देते हैं कि इंसानों को तो क्या, जानवरों को भी समझ आ जाए. जर्मनी में लोग जब अपने पालतू जानवर को घुमाने बाहर निकलते हैं तो अपने साथ प्लास्टिक की थैली भी रखते हैं ताकि सड़क साफ रह सके. पालतू जानवर की गंदगी ना उठाने पर जुर्माना लगता है.
तस्वीरों से इतिहास तक
ये साइन महिलाओं और पुरुषों के शौचालय के बाहर लगे हैं. पूर्वी जर्मनी में ट्रैफिक लाइट पर पैदल चलने वालों के लिए इस तरह के निशान का इस्तेमाल होता था.