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सलाफियों के खिलाफ दंगाईयों का गठजोड़

आईबी/एमजे (एएफपी)२८ अक्टूबर २०१४

उनकी उम्र बीस से तीस साल के बीच है, राजनीति से उनका कोई लेना देना नहीं, हुड़दंग मचाने और पुलिस से भिड़ जाने के लिए वे हमेशा ही तैयार रहते हैं. ये हैं जर्मनी के हुलिगन जो सलाफियों का मुकाबला करना चाहते हैं.

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Köln Deutschland Hooligans Rechtsradikale Neo Nazis Salafismus Demonstration 26.10.
तस्वीर: Reuters/Wolfgang Rattay

आम तौर पर इन्हें फुटबॉल स्टेडियम में देखा जाता है और पुलिस वाले इनकी बदमाशी से निपटने के लिए तैयार भी रहते हैं. लेकिन हाल ही में इन्हें कोलोन शहर की सड़कों पर प्रदर्शन करते देखा गया. इस बार वे सलाफियों के खिलाफ जुटे थे. जर्मनी में पिछले कुछ समय में सलाफियों की तादाद में तेजी आई है.

हाल ही में कट्टरपंथी विचारधारा वाले मुस्लिमों को जगह जगह कुरान की प्रतियां बांटते हुए भी देखा गया. इसके जरिए वे लोगों को जिहाद का हिस्सा बनने और इस्लामिक स्टेट के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं. सरकार के लिए यह काफी बड़ा सरदर्द है. अब हुलिगन ने इनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इनका नारा साफ है, ईंट के बदले पत्थर और यही रवैया सरकार की परेशानी का सबब है.

रविवार को कोलोन शहर में हुए प्रदर्शन में दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए. पुलिस वालों के साथ झड़प के अलावा जगह जगह तोड़फोड़ की भी खबरें आईं. सार्वजनिक परिवहन पर भी भारी असर पड़ा. बस और ट्राम के साथ साथ ट्रेनों को भी रोकना पड़ा.

यह हिंसा अपने आप में सरकार और पुलिस के लिए चिंता का बड़ा विषय है. लेकिन इससे भी ज्यादा चिंता इस बात की सता रही है कि हुलिगनों के साथ उग्रदक्षिणपंथी भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए. फुटबॉल के मैचों में हुड़दंग मचाने वाले के दंगाईयों में नस्लवादी विचारधारा बढञ रही है और उनमें कई बार उग्रदक्षिणपंथी भी होते हैं. पुलिस का कहना है कि उसके पास ऐसे लोगों के रिकॉर्ड हैं और वे लगातार उन पर नजर बनाए हुए हैं.

हालांकि पुलिस ने आश्वासन दिया है कि प्रदर्शन में उग्रदक्षिणपंथियों की संख्या ज्यादा नहीं थी, लेकिन नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया राज्य के गृह मंत्री राल्फ येगर इसमें खतरे भांप रहे हैं. ड्यूसेलडॉर्फ में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हम एक ऐसे खतरे की बात कर रहे हैं जो सिर्फ हमारे प्रांत तक सीमित नहीं है. इसलिए सभी प्रांतों को मिल कर हिंसा फैलाने वाले इन तत्वों से निपटना होगा." कोलोन में हुए प्रदर्शन अब बर्लिन के लिए भी चर्चा का विषय बन गए हैं.