1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

'सरकार या फैशन पुलिस'

२८ मार्च २०१४

किसी देश में प्रशासन लोगों पर किस हद तक अपनी मर्जी चला सकता है, इसका एक नमूना उत्तर कोरिया में मिल जाएगा. वहां कालेज जाने वाले सभी छात्रों को शासक किम जोंग उन के जैसे ही बाल कटवाने का आदेश दिया गया है.

https://p.dw.com/p/1BXbl
Nordkorea Kim Jong-un
तस्वीर: picture-alliance/dpa

कुछ हफ्ते पहले ही यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले सभी छात्रों को कहा गया कि वे बिल्कुल अपने नेता की स्टाइल में सिर के दोनों तरफ के बाल साफ करवाएं. इंटरनेट पर चल रही ऐसी तमाम चर्चाओं के बाद समाचार एजेंसी असोसिएट प्रेस ने अपने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है. वैसे हाल ही में उत्तर कोरिया की यात्रा करने वाले लोगों ने हेयरस्टाइल के किसी ट्रेंड की पुष्टि नहीं की है.

हेयरस्टाइल के बारे में ऐसी बातें तब से शुरू हुईं जब वाशिंगटन डीसी में स्थित 'रेडियो फ्री एशिया' ने इस पर एक रिपोर्ट सुनाई. उसमें भी कुछ ऐसा ही बताया गया कि इस महीने की शुरूआत में ही उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी ने बालों की स्टाइल को लेकर एक अलिखित निर्देश निकाला है. किम जोंग उन की तरह बाल कटवाने को लेकर कई छात्र सोच में थे. कुछ का कहना था कि ऐसी हेयरस्टाइल पुराने दिनों में स्मगलरों की हुआ करती थी.

ऐसी तमाम बातों के बारे में उत्तर कोरिया के कई नेताओं का कहना है कि यह कोरी अफवाह है. बहुत सारे विदेशी पर्यटकों को उत्तर कोरिया लाने वाले कॉयरो टुअर्स के सिमोन कोकेरेल बताते हैं, "मैं कुछ ही दिन पहले वहां था, ऐसा बिल्कुल नहीं दिखा." यहां की एक वेबसाइट एनके न्यूज ने इसे अफवाह बताते हुए रिपोर्टें भी लिख डालीं. 2004 में उत्तर कोरिया की राजनीति छोड़ने वाले चो चेओंग हा बताते हैं कि देश में वाकई अपनी फैशन पुलिस काम करती है. सरकार खुद जो युवा संगठन चलाती है उसके सदस्य नियमित तौर पर ऐसे लोगों पर नजर रखते हैं जो ठीक तरीके से कपड़े वगैरह नहीं पहनते हों. चो आगे कहते हैं कि संगठन के लोग इस बात का ध्यान रखते हैं कि पूर्व नेताओं किम सुंग द्वितीय या किम जांग द्वितीय कू तस्वीरों वाले पिन सही तरीके से पहन रहे हैं या नहीं. अगर कोई पुरूष नीली जींस या अंग्रेजी के शब्द लिखे कपड़े पहने या कोई महिला घुटनों के ऊपर तक आने वाली ड्रेस पहने तो वे भी इनके निशाने पर होंगे.

Nord Korea Süd Korea Delegation
तस्वीर: dapd

साल 2005 में सरकार ने लम्बे बाल रखने वाले पुरूषों के लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर दी थीं. उन्हें गंदा और असमाजिक बेवकूफ करार दिया गया. सब लोगों को अपने बाल भी 'सोशलिस्ट स्टाइल' में रखने को कहा गया. देश के सरकारी टीवी चैनल ने तो मनमर्जी की हेयरस्टाइल रखने वालों को टीवी पर सार्वजनिक रूप से उजागर करना शुरु कर दिया था. मकसद था ऐसे लोगों के नाम और पते के साथ उनकी पहचान सबके सामने लाकर उन्हें पड़ोसियों के उपहास का पात्र बनाना. बालों को 'सोशलिस्ट स्टाइल' में रखने को लेकर एक बड़ा अभियान भी चला. इसके मुताबिक कोई भी दो इंच से लंबे बाल नहीं रख सकता. उम्र के साथ गंजे हो रहे लोगों को 2.8 इंच लंबे बाल रखने की इजाजत थी जिससे वे अपना गंजापन थोड़ा छुपा सकें. इस अभियान में दावा किया गया था कि लंबे बाल सिर की नसों से ऑक्सीजन निकाल कर दिमाग की हरकतों में रुकावट डालते हैं. लेकिन औरतें लंबे बाल क्यों रख सकती हैं इसका कोई कारण नहीं बताया गया.

आरआर/एएम (एपी)