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सरकार में आरएसएस का रुतबा

२८ मई २०१४

संघ के कार्यकर्ता नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही आरएसएस एक बार फिर सुर्खियों में छा गया है. ज्यादातर कार्यकर्ता बचपन में ही इससे जुड़ जाते हैं. लेकिन आखिर इसका एजेंडा क्या है.

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Indien Organisation Rashtriya Swayamsevak Sangh
तस्वीर: picture alliance/AP Photo

संघ से एक बार इससे जुड़ने के बाद बच्चे आम तौर पर जीवन भर इसकी शाखा से जुड़े रहते हैं. इस बार के चुनाव में संगठन के कार्यकर्ताओं ने अलग तरह का रोल निभाया. वोटर लिस्ट को लैपटॉप या टैबलेट कंप्यूटर पर लिए वे नजर रख रहे थे कि किसने वोट दिया, किसने नहीं.

लखनऊ में संघ की वर्दी यानि सफेद शर्ट और खाकी निक्कर पहने आरएसएस के कार्यकर्ता प्रभुनारायण श्रीवास्तव का कहना है, "यह मजेदार था." श्रीवास्तव ग्राउंड में बच्चों को संघ की ट्रेनिंग दे रहे हैं. उनका कहना है, "हम बरसों से एक बहुमत के लिए काम कर रहे थे और इस बार लोगों का उत्साह देखते ही बनता है."

ज्यादातर मंत्री संघ कार्यकर्ता

नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री हैं, जिनमें से 17 की जड़ें कहीं न कहीं आरएसएस से जुड़ी हैं. पूरी बीजेपी ही आरएसएस आंदोलन की उपज है और मोदी के राज्य मंत्रियों में भी शाखा से जुड़े लोग अच्छी खासी संख्या में हैं.

Amtsübernahme Premierminister Narendra Modi 27.5.2014
संघ के करीबी हैं मोदीतस्वीर: Reuters/Press Information Bureau of India

उत्तर प्रदेश में आरएसएस सदस्य दिनेश शर्मा कहते हैं, "मोदी, बीजेपी और आरएसएस को अलग करके देखना ठीक नहीं है. ये सभी एक ही टहनी के अलग अलग पत्ते हैं. वे एक दूसरे से अलग नहीं किए जा सकते, बल्कि वे तो एक दूसरे के पूरक हैं." मोदी खुद कट्टर विचारधारा के माने जाते हैं. लेकिन जानकारों की राय है कि मोदी सरकार इसके बावजूद हिन्दूवादी एजेंडा नहीं चला पाएगी. उन्होंने चुनाव प्रचार में आर्थिक विकास और अच्छे शासन की बात कही है.

विकास है एजेंडा

मोदी की टीम आरएसएस प्रवक्ता राम माधव का कहना है कि संघ ने मोदी से कहा है कि वे "सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, प्रशासन और सामाजिक सौहार्द्र" को प्राथमिकता दें. हालांकि सामाजिक सौहार्द्र वाला मसला बहुत विस्तृत और निजी नजरिए पर आधारित है. माधव का कहना है, "जब मैं सामाजिक ढांचे की बात करता हूं, तो इसका मतलब किसी तरह की बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक राजनीतिक विचार से परे समानता की बात करता हूं."

बीजेपी ने घोषणापत्र में उन तीन चीजों को रखा है, जो मुख्य तौर पर आरएसएस की मांगें हैं. इनमें अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी शामिल है. यहां 16वीं सदी की ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद को 1992 में गिरा दिया गया था. इसके अलावा जम्मू कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने और समान नागरिक कानून लागू करने की बात है. हालांकि दबे स्वरों में कहा जा रहा है कि यह सरकार की प्राथमिकता नहीं हो सकती. आगे पढ़िए...

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क्या है आरएसएस एजेंडा

आरएसएस आम तौर पर शाखाओं के अलावा स्कूल भी चलाता है और जिन राज्यों में बीजेपी शासन में है, वहां स्कूली किताबों में भी फेरबदल की कोशिश करता है. यह धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन भी चलाता है. इसकी एक मिसाल राजनाथ सिंह हैं. मोदी के खास सिपहसलार सिंह 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने राज्य में वैदिक गणित को स्कूली सिलेबस में शामिल कर दिया था. इस मुद्दे पर खासा विवाद हुआ. कुछ लोगों का कहना था कि यह प्राचीन हिन्दू ग्रंथों पर आधारित है, जबकि दूसरे इसे फर्जी बताते हैं.

Indien Relief Camp in Malakpur
अब भी कैंपों में रह रहे हैं दंगापीड़िततस्वीर: SAJJAD HUSSAIN/AFP/Getty Images

भारत में करीब एक अरब (97.5 करोड़) लोग हिन्दू धर्म के हैं, जबकि मुस्लिम आबादी करीब 15 फीसदी है यानि 17.5 करोड़ है. मध्यकाल में भारत में ज्यादातर मुस्लिम शासकों ने भारत पर शासन किया. इसकी वजह से हिन्दू और मुसलमानों के बीच एक शानदार रिश्ता भी बना. लेकिन अंग्रेजों की वजह से 1947 में भारत का बंटवारा हुआ और उसके बाद हिन्दू मुस्लिम विभाजन एक बार फिर उभर गया.

गुजरात में 2002 के दंगों की वजह से मोदी पर भी इलजाम लगे. इन दंगों में हजारों लोगों की मौत हुई, जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम थे. हालांकि मोदी पर कोई भी आरोप साबित नहीं हो पाया. इस बीच उन्होंने गुजरात में विकास मॉडल को आगे किया और दावा किया कि उनके राज में राज्य में काफी विकास हुआ है.

फिर हुआ ध्रुवीकरण

आलोचकों का कहना है कि आरएसएस की वजह से भारतीय समाज में धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण हो रहा है. संघ पर किताब लिख चुके क्रिस्टोफ जेफरलट का कहना है, "मोदी के लिए प्लान ए है कि वह विकास के मोर्चे पर सफलता हासिल करें और अगर वह काम नहीं करता है, तो फिर हिन्दुत्व की राजनीति को प्लान बी बनाया जा सकता है. जब बीजेपी को मुश्किल सीटों पर कामयाबी हासिल करनी होती है, तो वह यह तरीका अपनाती है."

एजेए/एमजी (रॉयटर्स)