समुद्री दुनिया के 10 अजूबे
दुनिया में करीब मछलियों के करीब 30,000 प्रकारों की पहचान हो चुकी है - जिसमें से कुछ किस्में काफी असाधारण हैं. इलेक्ट्रिक ईल के अलावा मछलियों की दुनिया के कुछ और अजूबे सदस्यों से मिलिए.
इलेक्ट्रिक ईल
इसका नाम भले ही इलेक्ट्रिक ईल हो लेकिन असल में यह मछली ईल नहीं बल्कि नाइफफिश नस्ल की है. अपने शिकार को यह 600 वोल्ट तक का बिजली का झटका दे सकती है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह अपनी हाई वोल्टेज ऊर्जा का इस्तेमाल एक ट्रैकिंग डिवाइस के तौर पर भी करती है, बिल्कुल वैसे ही जैसे चमगादड़ का ईको-लोकेशन फॉर्मूला.
बैंडेड आर्चरफिश
खारे पानी में रहने वाली यह मछली अपने शिकार पकड़ने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाती है. बैंडेड आर्चरफिश पानी की सतह पर आकर वहां से हवा में कीड़ों पर निशाना साधती है. इसके लिए वह अपने मुंह से पानी की एक फुहार हवा में फेंकती है और कीड़े उसमें फंस कर नीचे आ जाते हैं. बड़ी मछली तो करीब 3 मीटर दूर स्थित कीड़ों को भी निशाना बना लेती है.
स्टार गेजर्स
यह मछली खुद को बालू में धंसा लेती है और फिर किसी शिकार के अपने पास से गुजरने का इंतजार करती है. जैसे ही शिकार करीब से निकलता है वह उछल कर उसे अपना भोजन बना लेती है. इसकी आंखें और मुंह और मछलियों की तरह बगल में नहीं बल्कि सामने की ओर होते हैं. स्टार गेजर्स मछलियां जहरीली भी होती हैं.
स्टोन फिश
जहरीली और छुपने में उस्ताद - स्टोन फिश में यह दोनों गुण हैं. ये लगती भी एक पत्थर जैसी है और इसके ऊपर शैवाल उग जाते हैं. इसको छूते ही इतने सख्त सूई जैसे कांटे चुभ जाते हैं जो कि जहर बुझे होते हैं. यह दुनिया की कुछ सबसे जहरीली मछलियों में से एक है जिससे इंसान की जान भी जा सकती है.
पफर फिश
इस मछली का पेट इतना लचीला होता है कि डर लगने पर यह अपने पेट में खूब सारा पानी भर के अपना आकार काफी बड़ा कर लेती है. यह टेट्रोडोटॉक्सिन नाम का एक बेहद खतरनाक जहर पैदा करती है जिससे इंसान मर सकता है. जापान में यही पफर फिश बड़े चाव से खाई जाती हैं. जाहिर है कि इन्हें पका कर खाने योग्य बनाना भी एक कला है.
एंग्लर फिश
यह मछली अपने शिकार को सिर के ऊपर उगे इलिसियन नाम की संरचना से आकर्षित करती है. इसे मछली का फिशिंग रॉड भी कहा जाता है. इस रॉड के सिरे जगमगाते हैं जिससे उत्सुकतावश शिकार इनकी ओर खिंचा चला आता है और एंग्लर फिश का भोजन बन जाता है. यह मछली पूरी दुनिया में पाई जाती है यहां तक कि गहरे सागरों में भी.
वाइपर फिश
यह बेहद खतरनाक दिखने वाली मछली गहरे सागरों में पाई जाती है. उच्च् दबाव, अंधेरे और बहुत कम भोजन पर जीवित रहने वाली यह मछली मुश्किल वातावरण के लिए खास तौर पर ढली होती है. अगर कोई शिकार वाइपर फिश के पास से गुजरता है तो इसके बड़े मुंह और तीखे दांतों से बचने की कम ही संभावना होती है.
सीहॉर्स या दरियाई घोड़ा
इतना सुंदर, परिकथा के किरदार सा दिखने वाला दरियाई घोड़ा दुनिया की उन कुछ जीव प्रजातियों में से है जो सीधे खड़े तैरते हैं. जाहिर है ऐसे उर्ध्वाकार तैरने से इनके शरीर पर खूब गतिरोध लगता है जिसके कारण ये बहुत तेज नहीं तैर पाते. सीहॉर्स की एक और विशेषता नर के पेट की वह थैली है जिसमें वह निषेचित अंडे लेकर घूमता है और बच्चे को जन्म भी देता है.
मड स्किपर
इस मछली के बारे में कहा जाता है कि वह निर्णय नहीं कर पाती कि उसे पानी में रहना ज्यादा पसंद है या धरती पर. इसीलिए ये ऐसे समुद्री इलाके में रहती हैं जहां ज्वार के समय पानी हो और भाटा के समय सूखा. मेंढक जैसी एम्फीबियन प्रजाति की ही तरह यह भी अपनी त्वचा से सांस ले सकती हैं.
हैमरहेड शार्क
इस हथौड़े जैसे सिर वाली शार्क से अजीब नजारा क्या होगा. रिसर्चर मानते हैं कि इसका चपटा, दोनों तरफ फैला हुआ सिर और उसके सिरों पर स्थित इसकी आंखें शार्क के दृश्य क्षेत्र को बढ़ा देती हैं. इससे वह ज्यादा बड़े क्षेत्र में देख पाता है और आसानी से शिकार भी कर पाता है.