खा जाएंगे समुद्री कचरा
२० जून २०१४दुनिया भर में समुद्रों में प्लास्टिक का टनों कचरा तैर रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के रिसर्चरों का कहना है कि एक खास तरह के सूक्ष्म जीव पानी पर तैर रहे कचरे के विघटन में मदद करते हैं.
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि माइक्रोप्लास्टिक जो आकार में पांच मिलीमीटर से छोटे होते हैं, समुद्र के प्राकृतिक पर्यावरण को बिगाड़ सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम के 2012 के आंकड़ों के अनुसार उत्तरी प्रशांत महासागर के प्रतिवर्ग किलोमीटर में माइक्रोप्लास्टिक के करीब 13 हजार टुकड़े मौजूद हैं. समुद्र का यह इलाका माइक्रोप्लास्टिक से सबसे बुरी तरह प्रभावित है.
विज्ञान की पत्रिका प्लोस वन में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शोध में ऑस्ट्रेलियाई तटों पर तैरने वाले कचरे की हजार से ज्यादा तस्वीरों का विश्लेषण किया गया. इस शोध के दौरान उन्होंने पाया कि माइक्रोप्लास्टिक डेबरी पर कई सूक्ष्म जीव रह रहे हैं जो आहार के लिए माइक्रोप्लास्टिक के कचरे पर निर्भर हैं. साथ ही उन्हें इन पर कई नए प्रकार के सूक्ष्म जीव भी मिले.
इसके साथ ही पहली बार किसी रिपोर्ट में पानी पर तैर रहे माइक्रोप्लास्टिक के कचरे पर रहने वाले एक विशेष सूक्ष्म जैव समुदाय का जिक्र किया गया है. समुद्र विज्ञानी जूलिया राइसर ने बताया, "ऐसा लगता है समुद्र में प्लास्टिक का विघटन हो रहा है." वह इस रिसर्च को लेकर खासी उत्साहित हैं. वह कहती हैं, "प्लास्टिक खाने वाले जीव जमीन पर भी कचरे से निपटने में मदद कर सकते हैं."
कचरे का डूबना
राइसर ने बताया कि केवल दो अणुओं की संरचना वाले ये सूक्ष्म जीव माइक्रोप्लास्टिक को नाव की तरह इस्तेमाल करते हैं और समुद्री सतह पर इसी के सहारे तैरते हैं. जैसे जैसे माइक्रोप्लास्टिक के टुकड़े पर सवार माइक्रोब्स की संख्या बढ़ती जाती है, प्लास्टिक का सूक्ष्म टुकड़ा डूबने लगता है और समुद्र तल में जाकर बैठ जाता है. राइसर कहती हैं कि इस रिसर्च से यह भी स्पष्ट होता है कि क्यों पानी पर तैरने वाले माइक्रोप्लास्टिक में वैसी वृद्धि नहीं हुई जैसी वैज्ञानिकों ने सोची थी.
पहले भी भूमि पर कचरे के ढेरों में माइक्रोब्स द्वारा प्लास्टिक के विघटन पर रिसर्च की जा चुकी है. राइसर कहती हैं कि उनकी रिसर्च में इस बात के संकेत मिले हैं कि इन सूक्ष्म जीवों जैसे ही माइक्रोब्स समुद्री कचरे पर भी मौजूद हैं.
उन्होंने बताया, "अगर आप भूमि के सूक्ष्म जीवों को इस्तेमाल करना चाहेंगे तो उन्हें साफ पानी पर विकसित करना होगा. यह तरीका महंगा हो सकता है. लेकिन अगर आपको समुद्री सूक्ष्म जीव मिल जाएं, जो वह नमकीन पानी में आसानी से बढ़ सकते हैं. इससे कीमत कम हो जाएगी.
एसएफ/एमजी (एएफपी)