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समर्थन दो, केस वापस ले लेंगे: मायावती

१४ नवम्बर २०१०

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने दावा किया है कि कांग्रेस ने 2004 के लोकसभा चुनावों में उनके साथ समझौते की एवज में ताज कॉरिडोर और आय से अधिक संपत्ति के मामले वापस लेने का प्रस्ताव रखा था. लेकिन उन्होंने मना कर दया.

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तस्वीर: UNI

मायावती के मुताबिक कांग्रेस ने उनसे कहा कि 2004 चुनावों में जीत के बाद वह अगर सत्ता में आती है तो उनके खिलाफ दायर मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे. इसके बदले मायावती से कथित रूप से राष्ट्रीय स्तर पर चुनावी सहमति की मांग की गई. लेकिन मायावती का कहना है कि उन्होंने जनता की अदालत में जाना मंजूर किया.

मायावाती का आरोप है कि ताज कॉरिडोर और आय से अधिक संपत्ति के मामले बीजेपी की साजिश है जिसके जरिए उन पर दबाव डालने की कोशिश की गई. मायावती का कहना है कि बीजेपी चाहती थी कि उत्तर प्रदेश में 80 में से 60 लोकसभा सीटें बीजेपी के लिए छोड़ दी जाएं. मायावती और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के बीच हुई बैठक में उन्होंने ये आरोप लगाए हैं.

L K Advani
बीजेपी की साजिशतस्वीर: UNI

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के मुताबिक उन्होंने कांग्रेस के प्रस्ताव को दरकिनार कर दिया क्योंकि उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के आंदोलन को निजी हितों से ऊपर रखा है और आखिरी सांस तक ऐसा करती रहेंगी. केंद्रीय सरकारों पर सरकारी मशीनरी और सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मायावती ने कड़े शब्दों में कहा कि वह इसका मुकाबला सुप्रीम कोर्ट में कर रही हैं.

"अगर मुझे कोर्ट से न्याय नहीं मिलता तो मैं जनता की अदालत में जाऊंगी." मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि उन्हें पार्टी का जनाधार मजबूत करने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए ताकि पार्टी के राजनीतिक विरोधियों को सबक सिखाया जा सके. मायावती ने यूपीए सरकार पर आरोप लगाया है कि 2007 में उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही राज्य के साथ सौतेला बर्ताव किया जा रहा है.

यूपी की मुख्यमंत्री ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह कभी दलितों के यहां खाना खा रहे, कभी उनकी झुग्गियों में रात गुजार रहे हैं तो कभी बिन बताए ट्रेन में सफर कर रहे हैं.यह सब पार्टी को फिर खड़ा करने की कोशिश है. मायावती ने पार्टी नेताओं को भी सावधान रहने के लिए कहा है. उनके मुताबिक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए मीडिया उनके नेताओं को कटघरे में खड़ा कर सकता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एमजी

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