सब कुछ कह देता है वेनिस का कार्निवाल
ठगना, छकाना और फिर रहस्य का हिस्सा बन जाना. वेनिस शहर जितना खूबसूरत है उतना ही रहस्यमयी भी. इसका अंदाजा वहां के कार्निवाल से भी लगता है.
नहरों पर गोंडोला
पानी पर कार्निवाल परेड निकलते ही शहर किसी जादुई कथा का मंच सा लगने लगता है. इस दौरान समुद्र और चंद्रमा को याद किया जाता है. समुद्र की देवी को भी याद किया जाता है.
जबरदस्त उद्घाटन
आयोजकों के मुताबिक वेनिस का कार्निवाल "सुंदरता, समुद्र और गर्व" का त्योहार है. इसे दुनिया के सबसे भव्य कार्निवालों में गिना जाता है.
8.5 लाख की आबादी, 30 लाख सैलानी
वेनिस में कार्निवाल की शुरुआत 1162 में हुई. कई दशकों तक फिर यह बंद रहा. 1980 में यह फिर लौटा. अब हर साल इसे देखने 30 लाख लोग वेनिस पहुंचते हैं.
वो रहस्यमयी महिला
जोकर, जादूगर या रहस्यमयी किरदार का रूप धारण करना और कुछ समय के लिए अगल ही दुनिया में जीना. वेनिस का कार्निवाल ऐसे ही रहस्यों के लिए मशहूर है.
कौन लेने लाया
इधर उधर जाना हो तो गोंडोला कही जाने वाली ऐसी नावों का ही सहारा लिया जाता है. लेकिन कई बार लोग एक दूसरे को पहचान ही नहीं पाते. ऐसा कंफ्यूजन कार्निवाल को दिलचस्प बनाता है.
कई तरह के मुखौटे
"बाउटा" यानि भारी और पूरा चेहरा ढंकने वाला मास्क. इसे ऐसे बनाया जाता है कि पहनने वाला आराम से मास्क के साथ खा पी सके. "कोलंबिना" मास्क आधे चेहरे को ढकता है.
अमीरों का कोना
वेनिस का कार्निवाल बेहद महंगा भी है. पूरी ड्रेस सैकड़ों या हजारों यूरो की आती है. इसके अलावा कुछ जगहों पर एंट्री फीस भी बहुत ही ज्यादा होती है.
परी की उड़ान
बेहतरीन पोशाक पहनने वाली महिला को विजेता भी चुना जाता है. 2016 में विजेता को सेंट मार्क के टावर और स्क्वेयर के बीच झुलाया गया.
आसान नहीं सुरक्षा
जब हर कोई भेष बदलकर या मास्क पहनकर घूम रहा हो तो सुरक्षा करना आसान नहीं होता. आतंकवाद के खतरे के चलते इस बार भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है.