सब कुछ कहते चेहरे
ब्राजील से फुटबॉल खिलाड़ियों और फैन्स की कई ऐसी तस्वीरें आ रही हैं, जो बिना कुछ कहे दिल का हाल बयां कर देती हैं. आइये देखते हैं ऐसी ही कुछ बेहतरीन तस्वीरें.
राष्ट्रगान के दौरान आंसू
आइवरी कोस्ट के सेरे डी मैच शुरू होते समय बजने वाले राष्ट्रगान के दौरान भावुक होकर रोने लगे. उन्हें अपने पिता की याद आ रही थी. बेहद गरीब परिवार से आए सेरे के पिता की मौत 2004 में हुई. ब्राजील में सेरे को लगा कि काश उनके पिता उन्हें वर्ल्ड कप खेलते देख पाते.
ठंडा पड़ा उत्साह
कोस्टा रिका के खिलाफ इटली कैसा खेला, उसका अंदाजा इटली के इस फैन के चेहरे से लगाया जा सकता है. इतना खर्चा करके ब्राजील पहुंचने के बाद टीम का अगर ये हाल हो तो बुरा तो लगता ही है.
आ गई आफत
अपनी टीम का मनोबल बढ़ाने स्विट्जरलैंड से ब्राजील पहुंची इन युवतियों के चेहरे से अंदाजा लग गया कि उनकी टीम कितनी भारी विपत्ति में है. स्विट्जरलैंड को फ्रांस ने बुरी तरह हराया.
फीका पड़ा रंग
उरुग्वे के खिलाफ मैच देखने पहुंचे इंग्लैंड के फैन का चेहरा बता रहा है कि बाहर भले ही रंग चमक रहा हो, लेकिन दिल में उम्मीदें बुझ गई हैं. इंग्लैंड वर्ल्ड कप से बाहर.
आगे देखो, होता है क्या
इंग्लैंड पर मिली जीत के बाद उरुग्वे की फैन. उरुग्वे के फैंस को उम्मीद है कि टीम का असली हथियार डियैगो फोरलान अब सामने लाया जाएगा.
हार स्वीकार
फुटबॉल मैच में अगर गोलकीपर ऐसे बैठ जाए तो समझ जाइये कि टीम का मनोबल टूट चुका है. फ्रांस के खिलाफ स्विस गोलकीपर डियैगो बेनाग्लिओ.
ये क्या हो गया
ऐसे भाव खिलाड़ियों के चेहरे पर तब दिखाई पड़ते हैं जब लड्डू जैसे मौके को वो गोल में नहीं बदल पाते. खेल कूद की लच्छेदार भाषा में इसे ऐन टाइम पर पौंकना भी कहते हैं.
अब दुआ चाहिए
सेकेंड हाफ में अगर किसी टीम का कोच बहुत खामोशी से बैठ जाए तो समझ लीजिए कि मन ही मन दुआ की जा रही है. कोच जान चुके होते हैं कि उनकी टीम अब खेल के सहारे नहीं जीत सकती.
इसका मतलब, हुर्रे
पहले मैच में टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल खुद ब्राजील पहुंचीं. फुटबॉल की शौकीन मैर्केल के उछलने से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या हुआ होगा, गोल. हुर्रे