सत्ता में वापसी चाहती है एसपीडी
२६ सितम्बर २०१०पिछले साल हुए चुनावों के बाद चांसलर अंगेला मैर्केल द्वारा गठबंधन से बाहर निकाले जाने के एक साल बाद सोशल डेमोक्रैटिक नेता अपने को इतना ताकतवर महसूस कर रहे हैं कि वे अगले चुनावों में फिर से सत्ता में आना चाहते हैं. इसके लिए पार्टी प्रमुख गाब्रिएल की रणनीति है, पक्के समर्थकों को फिर से पार्टी के साथ जोड़ना. इसके लिए वे पार्टी के सामाजिक प्रोफाइल को और पैना बनाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि पार्टी को लोगों के पक्ष में उठ खड़ा होना चाहिए. एसपीडी को कामगारों और उनके परिवारों के आकांक्षाओं पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसी तरह से पार्टी के केंद्रीय मतदाताओं का वापस जीता जा सकता है. पूर्व चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर के कार्यकाल में सामाजिक खर्चों में कटौती के बाद पार्टी के मुक्य समर्थक कामगार वर्ग ने पार्टी से मुंह फेर लिया है.
रविवार को हुई पार्टी कांग्रेस ने भारी बहुमत से पार्टी की नई कर और श्रम बाजार नीति तय की. एसपीडी ने कहा है कि सत्ता में आने के बाद वह समृद्ध लोगों से अधिक कर लेगी. बर्लिन में हुई कांग्रेस में एक प्रस्ताव पारित कर सर्वोच्च आयकर 42 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने का फैसला लिया. लेकिन उच्चमतम कर राशि के लिए पारिवारिक आय की न्यूनतम सीमा को बढ़ाकर 2 लाख कर दिया जाएगा. 2012 से पेंशन की आयु को बढ़ाकर 67 साल करने के फैसले पर अमल को तीन साल के लिए टाल दिया जाएगा. इसके अलावा पार्टी एक नई आर्थिक नीति का समर्थन करेगी जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
एसपीडी प्रमुख ने एसपीडी सरकार द्वारा किए गए सुधारों से पीछे हटने का बचाव किया और कहा कि वे पेंशन पाने की आयु 67 करने के फैसले को वापस नहीं लेना चाहते, लेकिन नौकरीशुदा लोगों को वृद्धावस्था की गरीबी से बचाना होगा.
पार्टी कांग्रेस के प्रस्तावों पर टिप्पणी करते हुए सत्ताधारी क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक यूनियन ने एसपीडी की आलोचना की है. पार्टी महासचिव हरमन ग्रोहे ने कहा कि एसपीडी के पास कर बढ़ाने के अलावा कुछ और नहीं है. एफडीपी के महासचिव क्रिश्चियान लिंडनर ने आरोप लगाया है कि एसपीडी हकीकत से लगातार दूर हो रही है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: वी कुमार