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सजा को चुनौती देने की तैयारी

२४ सितम्बर २०१३

दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड में मौत की सजा पाए चारों दोषी एक बार फिर अदालत में पहुंच गए हैं. उनके वकीलों ने जजों के सामने इस बात की पुष्टि कर दी है कि वो सजा के खिलाफ अपील करेंगे.

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तस्वीर: Reuters

दिल्ली हाईकोर्ट में दो जजों की बेंच के सामने चारों अभियुक्त मंगलवार को पेश हुए. अभियुक्तों के वकीलों ने जास्टिस रेवा खेत्रपाल और जास्टिस प्रतिभा रानी की बेंच के सामने इन्हें पेश किया. जजों ने कहा, "कल से हर रोज मौत की सजा के बारे में सुनवाई करेंगे, इस बीच आप अपील दायर करिये." कोर्ट ने मामले की जल्द सुनवाई पर अभियुक्तों के विरोध को खारिज कर दिया.

अभियुक्तों के वकीलों ने कहा कि वो बुधवार से मामले पर कोर्ट में काम शुरू करेंगे. अभियुक्त पवन गुप्ता के वकील विवेक शर्मा ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "अदालत इस मामले की पृष्ठभूमि पर कल (बुधवार) से सुनवाई शुरू करेगी. हम अपनी अपील जल्दी ही दायर करेंगे. हम संभावनाएं देख रहे हैं." मंगलवार को चारों आरोपी सादे कपड़े में कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए. लोगों के गुस्से को देखते हुए इनकी सुरक्षा का खास ख्याल रखा जा रहा है. मंगलवार को भी इन्हें कोर्ट में पेश करने के दौरान महिलाओं का दल विरोध प्रदर्शन करने के लिए कोर्ट परिसर में पहुंच गया. यह महिलाएं अभियुक्तों को उनके हवाले करने की मांग कर रही थी ताकि उन्हें पीट सकें.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

दूसरे तीन अभियुक्तों, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और मुकेश सिंह के वकीलों ने भी कहा कि वो सजा के खिलाफ अपील दायर करेंगे. वकीलों ने पत्रकारों को पहले ही इस बात के संकेत दिए थे कि वे सजा के खिलाफ अपील करेंगे लेकिन कोर्ट में आकर पहली बार उन्होंने इसकी पुष्टि की है. इसी महीने की 13 तारीख को दिल्ली की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इन चारों अभियुक्तों को 23 साल की एक छात्रा से चलती बस में सामूहिक बलात्कार करने और फिर उसकी हत्या करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई. इस दौरान पीड़ित छात्रा के साथ "क्रूर व्यवहार" किया गया और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. 16 दिसंबर को हुई इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और इसके खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हुए. इसके साथ ही भारत में महिलाओँ से बर्ताव पर पूरी दुनिया में बहस छिड़ गई. विरोध कर रहे लोगों ने दोषियों के लिए सख्त सजा की मांग रखी. 9 महीने चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले को "दुर्लभों में दुर्लभतम" मानते हुए दोषियों को मौत की सजा सुनाई है.

अभियुक्तों को राजधानी की उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल में रखा गया है. मामले से जुड़े एक आरोपी बस ड्राइवर राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली जबकि छठा अभियुक्त घटना के वक्त नाबालिग था. उसे कोर्ट ने बाल सुधार गृह में तीन साल तक रखने की सजा सुनाई है.

एनआर/ओएसजे (एएफपी, पीटीआई)

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