संवेदना नहीं, शरीर चाहिए
साल 2000 से देह व्यापार बांग्लादेश में वैध है. लेकिन जबरदस्ती इस धंधे में धकेला जाना मुस्लिम बहुल देश में चिंता का कारण बन गया है. बांग्लादेश में यौनकर्मी देखें तस्वीरों में...
जबरदस्ती
बहुत छोटी उम्र में ही ये लड़कियां देह व्यापार में धकेल दी जाती हैं. कई गरीब, गांव के लोग अपनी लड़कियों को को बेच देते हैं. उन्हें इसके लिए 20 हजार टका मिल जाते हैं. कुछ मामलों में शादी का लालच देकर बिचौलिये इन्हें चकलाघरों में बेच देते हैं.
बच्चियों के लिए इंजेक्शन
कम उम्र की बच्चियों में स्टेरॉयड काम नहीं करते, खासकर 12 से 14 की उम्र वाली लड़कियों में. बांग्लादेश के एक चकले की मालिक रोकेया बताती हैं कि इनको इंजेक्शन दिए जाते हैं.
बाल देह व्यापार
बांग्लादेश में बच्चियों का देह व्यापार एक गंभीर समस्या है. संयुक्त राष्ट्र के बाल कोष के मुताबिक 2004 में यौन शोषण का शिकार होने वाली बच्चियों की संख्या 10 हजार थी. अनौपचारिक अनुमानों के मुताबिक यह संख्या 29,000 बताते हैं.
गाय के स्टेरॉयड सेक्सकर्मियों के लिए
लड़कियों को भरा पूरा दिखाने के लिए ओराडेक्सॉन नाम का स्टेरॉयड इस्तेमाल किया जाता है. सामान्य तौर पर ये स्टेरॉयड किसान अपनी गायों को हृष्ट पुष्ट बनाने के लिए करते हैं.
दवा की लत
गैर सरकारी संगठन एक्शनएड के मुताबिक ओराडेक्सॉन बांग्लादेश के 90 फीसदी चकलाघरों में इस्तेमाल किया जाता है. इन्हें 15 से 35 साल की औरतें इस्तेमाल करती हैं. एनजीओ के मुताबिक बांग्लादेश में करीब 20,000 लड़कियां देह व्यापार में हैं.
शिकायतें
एक्शनएड ने 2010 में इन लड़कियों को चेताने के लिए अभियान शुरू किया ताकि इन्हें दवा के बुरे असर और खतरे का पता चले. ये स्टेरॉयड शुरू करते ही महिलाओं का वजन बढ़ने लगता है. लेकिन इससे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, दाने और सिरदर्द होता है.
एड्स का खतरा
स्थानीय अखबार अक्सर बांग्लादेश की यौन कर्मियों में एड्स की खबरें छापते हैं लेकिन इस बारे में कोई शोध नहीं किया गया है कि कितनी महिलाएं इससे पीड़ित हैं. सेक्स वर्करों का कहना है कि ग्राहक अक्सर कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते और इससे इन लड़कियों में बीमारी की आशंका बढ़ जाती है.
कट्टरपंथियों के शिकार
दक्षिणी बांग्लादेश में पिछले साल इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक चकलाघर पर हमला किया. 30 सेक्स कर्मी घायल हुए. इस तरह के हमले बांग्लादेश में आम हैं.