संदिग्ध ट्रेन हमले में चिदंबरम को माओवादियों पर शक
१ जून २०१०दिल्ली में गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, "शक की सुई माओवादियों पर है या फिर सीपीआई माओवादी समर्थित किसी संगठन पर." रेल मंत्री ममता बनर्जी से अलग राय अपनाते हुए चिदंबरम ने माना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. चिदंबरम के मुताबिक रेल मंत्रालय ने इस हादसे की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है और इसलिए केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल सरकार की राय जानना चाहती है.
जब चिदंबरम से रेल ट्रैक पर विस्फोट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, "मुझे पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि अभी तक किसी विस्फोटक के इस्तेमाल किए जाने के सबूत नहीं मिले हैं. राज्य सरकार ने तो कहा भी है कि ट्रैक को काटा गया. लेकिन ये शुरुआती सबूत हैं और आगे जांच से पूरी बात सामने आएगी."
पश्चिम बंगाल सरकार ने ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई से कराने की तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी की मांग को खारिज कर दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय चाहता था कि राज्य सरकार हावड़ा कुर्ला एक्सप्रेस के पटरियों से उतरने की जांच सीबीआई से कराए. लेकिन राज्य के गृह सचिव समर घोष ने कोलकाता में कहा, "इस मामले में सीआईडी की जांच अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और राज्य सरकार को नहीं लगता कि इस मामले में एक और जांच की जरूरत है."
इससे पहले केंद्रीय रेल मंत्री ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के पीछे राजनीतिक साजिश है. उन्होंने ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई से कराने की मांग की क्योंकि जिस इलाके में यह घटना हुई वहां माओवादियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चल रहा है.
रेलवे के एडिशनल डीजीपी दिलीप मित्रा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि रेलवे की ओर से दर्ज एफआईआर में हत्या, हत्या की कोशिश और तोड़फोड़ के आरोप लगाए गए हैं. पुलिस से कहा गया है कि एफआईआर में आपराधिक साजिश का आरोप भी शामिल करे.
मित्रा ने कहा, "हमें लगा कि ट्रेन ड्राइवर की ओर से दर्ज एफआईआर में मजबूत केस नहीं बनता. इसलिए मैंने घटनास्थल का दौरा किया और मुझे पता चला कि पहली नजर में यह तोड़फोड़ का मामला है." 28 मई को पश्चिम मिदनापुर जिले में हावड़ा से मुंबई जा रही ट्रेन पटरियों से उतर गई जिससे 148 लोगों की मौत हो गई.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़