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श्रीलंका के आगे पस्त भारत 74 रन से हारा

२८ अगस्त २०१०

त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने भारत को 74 रन से हरा दिया है. श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए भारत को 300 रन की चुनौती दी. इसके जवाब में भारत की पूरी टीम 225 रन बनाकर आउट हो गई.

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श्रीलंका के शतकवीर दिलशानतस्वीर: AP

भारत की ओर से कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही कुछ टिककर खेल सके. उनके अलावा सभी खिलाड़ियों ने थोड़ा थोड़ा योगदान दिया, लेकिन वह श्रीलंकाई चुनौती के आगे नाकाफी साबित हुआ. भारत की शुरुआत खराब रही. उसका पहला विकेट 9 के स्कोर पर ही गिर गया जब दिनेश कार्तिक को मलिंगा ने आउट कर दिया. कार्तिक कोई रन नहीं बना पाए. दूसरे सिरे पर सहवाग तेजी से रन बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह 28 के निजी स्कोर पर रन आउट हो गए. तब भारत का स्कोर 38 रन ही था.

यहां से विराट कोहली और युवाराज सिंह ने टिककर रन जोड़ने की कोशिश की. दोनों ने 50 रन की साझेदारी बनाई. लेकिन 37 के स्कोर पर युवराज और फिर 26 रन बनाकर कोहली के जाने के बाद भारत की हालत नाजुक हो गई क्योंकि तब 109 रन ही बने थे. इस बीच एक छोर पर धोनी आकर जमे रहे, लेकिन कोई भी खिलाड़ी उनका साथ ज्यादा देर तक नहीं दे सका. रोहित शर्मा सिर्फ 5 रन बनाकर चलते बने. सुरेश रैना ने 29 और प्रवीण कुमार ने 14 रन बनाए. इशांत शर्मा बिना कोई रन बनाए परेरा की एक गेंद पर बोल्ड हो गए. नेहरा मैथ्यूज का शिकार बने. उन्होंने 2 रन बनाए.

आखिर में भारतीय कप्तान भी पस्त हो गए. 47वें ओवर में वह रणदीव का शिकार बने. उन्होंने 67 रन की पारी खेली. इस तरह श्रीलंका ने यह मैच 74 रन से जीतकर सीरीज पर कब्जा कर लिया.

श्रीलंका ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी और तब कप्तान संगकारा ने कहा कि उनका लक्ष्य 200 से ज्यादा रन बनाना है. लेकिन जिस तरह श्रीलंका के सलामी बल्लेबाजों ने पारी की शुरुआत की, उससे जाहिर हो गया कि श्रीलंका का स्कोर 200 से कहीं ज्यादा होगा.

जयवर्धने और दिलशान ने बढ़िया शॉट लगाते हुए विकेट के दोनों सिरों पर रन बनाए और 16वें ओवर में ही स्कोर को 100 के पार पहुंचा दिया. जयवर्धने ने इसी के साथ अपना अर्ध शतक भी पूरा कर लिया. उन्होंने सिर्फ 37 गेंदों पर अपना 21वां अर्धशतक पूरा किया, जिसमें आठ चौके शामिल हैं.

16 ओवर तक धोनी अपने चार गेंदबाजों का इस्तेमाल कर चुके थे, लेकिन कोई भी श्रीलंकाई बल्लेबाजों पर कुछ असर नहीं डाल पाया. हालांकि इसके बाद के 50 रनों में भारत ने दो विकेट लिए, लेकिन इससे श्रीलंका की रन बनाने की रफ्तार पर कोई असर नहीं हुआ. 121 के स्कोर पर जयवर्धने आउट हुए. उन्हें इशांत शर्मा ने कार्तिक के हाथों कैच कराया. उपल थरंगा भी सस्ते में निबट गए. उन्हें युवराज सिंह की एक गेंद पर विकेट के पीछे कप्तान धोनी ने लपका.

लेकिन गेंदबाजों की तरफदार बताई जा रही पिच पर दिलशान एक सिरे पर रनों की झड़ी लगा रहे थे. जिसकी बदौलत 32 ओवर में श्रीलंका का स्कोर दो विकेट खोकर 171 रन हो गया.

श्रीलंका के ओपनर तिलकरत्ने दिलशान ने शानदार सेंचुरी पूरी की और श्रीलंका का स्कोर 37 ओवरों में ही 200 तक पहुंचा दिया. दिलशान 40वें ओवर में 110 के निजी स्कोर पर आउट हुए. उन्हें प्रवीण कुमार ने पैविलियन भेजा. हालांकि उसके बाद संगकारा ने रन बनाने की कमान संभाल ली. अब तक धीमे खेल रहे संगकारा ने दिलशान के जाते ही अपनी रफ्तार बढ़ाई और अर्ध शतक पूरा किया.

इस बीच भारत ने दो विकेट और झटके. नेहरा ने कापुगेदेरा और इशांत शर्मा ने ए मैथ्यूज सस्ते में निबटा दिया. और आखिरकार 45वें ओवर मुनाफ पटेल ने संगकारा के रूप में श्रीलंका का छठा विकेट लिया. संगकारा ने 62 गेंदों पर 71 रन बनाए. तब तक श्रीलंका का स्कोर छह विकेट के नुकसान पर 261 हो गया था.

आखिरी ओवरों में चमारा सिल्वा में 21 गेंदों में 26 रन ठोक कर स्कोर को आठ विकेट पर 299 तक पहुंचा दिया.

भारत की ओर से गेंदबाजों में मुनाफ पटेल और इशांत शर्मा को दो दो विकेट मिले. युवराज सिंह, नेहरा और प्रवीण कुमार ने एक एक खिलाड़ी को आउट किया

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः आभा एम

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