श्रीकृष्ण रिपोर्ट पर खुले मन से विचार की अपील
६ जनवरी २०११चिदंबरम ने विश्वास जताया है कि श्रीकृष्ण रिपोर्ट से तेलंगाना गठन के मुद्दे पर ठोस और परिपक्व बहस की शुरुआत होगी. श्रीकृष्ण रिपोर्ट को बैठक में मौजूद राजनीतिक दलों में बांटते हुए चिदंबरम ने उनसे अनुरोध किया कि वे निष्पक्ष ढंग से सोच विचार कर रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के प्रति अपनी राय बनाएं. चिदंबरम के मुताबिक रिपोर्ट को खुले दिमाग से पढ़ा जाना चाहिए और अलग राय रखने वालों के विचारों को समझने की कोशिश होनी चाहिए.
रिपोर्ट पर विचार के लिए चिदंबरम ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई लेकिन तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), तेलगुदेशम पार्टी (टीडीपी) और भारजीय जनता पार्टी ने बहिष्कार किया है और चिदंबरम ने इसके प्रति अफसोस जताया है. "सरकार उम्मीद करती है कि इस रिपोर्ट से ऐसी बहस की शुरुआत होगी जो ठोस जानकारी पर आधारित होगी." पिछले साल 5 जनवरी को हुई बैठक को याद करते हुए चिदंबरम ने कहा कि उसी के बाद आगे बढ़ने का रास्ता दिखाई मिला और ऐसी ही उम्मीद वह अब भी कर रहे हैं.
"मुझे उम्मीद है कि राजनीतिक दलों के अलावा आंध्र प्रदेश की जनता भी इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अपना अहम योगदान देंगे. आपको याद होगा कि मैंने बार बार आगे बढ़ने के रास्ते का जिक्र किया है. इसके जरिए मैं सरकार की मंशा को बताना चाहता हूं कि हम तेलंगाना मुद्दे का सम्मानजनक, व्यवहारिक समाधान चाहते हैं ताकि इससे जुड़े सभी पक्षों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके."
बैठक से पहले आंध्र प्रदेश की जनता से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की गई और चिदंबरम का कहना है कि उस अपील का असर हुआ है.
करीब एक साल पहले केंद्र सरकार ने लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी लेकिन उसके बाद जबरदस्त विरोध के चलते मामला पेचीदा हो गया.
पांच सदस्यीय श्रीकृष्ण आयोग का गठन पिछले साल फरवरी में किया गया और उसका एजेंडा यह बताना था कि आंध्र प्रदेश के बंटवारे के प्रति समाज के विभिन्न वर्ग क्या सोचते हैं. श्रीकृष्ण रिपोर्ट के आने के बाद से ही आंध्र प्रदेश में तनाव है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
तेलंगाना गठन का मुद्दा इतना जटिल है कि कांग्रेस पार्टी को भी अपने सांसदों और विधायकों को एकजुट रखने में मुश्किलें पेश आ रही हैं. तेलंगाना के कांग्रेस नेताओं ने बुधवार रात को कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात में साफ कहा कि नए राज्य की गठन की मांग से वे पीछे नहीं हटेंगे और इस्तीफा देने की भी धमकी दी है.
आंध्र प्रदेश में मुख्य तौर पर तीन क्षेत्र हैं - तेलंगाना, रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश. तेलंगाना क्षेत्र के लोग नए राज्य की राजधानी हैदराबाद को चाहते हैं लेकिन बाकी दोनों क्षेत्र इसका विरोध कर रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार