शोक और सदमे में डूबा पोलैंड
११ अप्रैल २०१०शनिवार को पश्चिमी रूस के स्मोलेंस्क शहर के पास घने कोहरे के बीच यह विमान हादसा हुआ. पोलिश राष्ट्रपति लेख काचिंस्की और सरकार के दर्जनों अधिकारी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हुए कातिन नरसंहार की 70वीं बरसी पर होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने स्मोलेंस्क जा रहे थे.
हादसे की खबर मिलते ही पोलैंड में मातम छा गया. राजधानी वारसॉ में हजारों लोगों ने सड़कों पर आकर अपना दुख प्रकट किया. राष्ट्रपति महल के बाहर फूलों और मोमबत्तियों को अंबार लग गया. प्रार्थना के लिए चर्चों के दरवाजे रातभर खुले रहे.
हादसे में मरने वालों में पोलैंड की सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख, नौसेना प्रमुख, पोलैंड की केंद्रीय बैंक के गवर्नर, कई विपक्षी सांसद और राष्ट्रपति काचिंस्की की पत्नी मारिया भी शामिल हैं. पोलैंड की संसद के स्पीकर और वर्तमान कार्यवाहक राष्ट्रपति ब्रोनिस्लाव कोमोरोव्स्की ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, "संकट की इस घड़ी में हमारा देश एकजुट है. किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है. इस त्रासदी के समय में भी हम एकजुट हैं." कोमोरोव्स्की ने एक हफ्ते के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. रविवार की दोपहर पोलैंड के लोग दो मिनट का मौन रखेंगे.
उधर जानकारों का कहना है कि पोलैंड को हुई इस अपूर्णीय क्षति के बावजूद देश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता को किसी तरह खतरा नहीं है. पोलैंड अमेरिका का पक्का नैटो सहयोगी और यूरोपीय संघ का सदस्य है.
दुनिया भर के नेताओं ने इस विमान हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया है. रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन ने कहा है, "यह हमारे लिए भी त्रासदी है. हम इस पीड़ा को महसूस करते हैं." अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लोकतंत्र समर्थक एकजुटता आंदोलन में काचिंस्की की भूमिका की तारीफ की है. वहीं जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा, "जर्मनी को लेख काचिंस्की की बहुत कमी खलेगी." रूस में राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने टीवी पर राष्ट्र के नाम संबोधन में पोलैंड के साथ एकजुटता दिखाई. उन्होंने रूस में सोमवार को शोक की घोषणा की है.
कोमोरोव्स्की ने कहा है कि सभी राजनीतिक पार्टियों से विचार विमर्श कर राष्ट्रपति चुनावों की तारीख तय करेंगे. पोलैंड में अक्टूबर में राष्ट्रपति चुनाव होने थे लेकिन अब संविधान के मुताबिक उन्हें जून तक करा लेना होगा. 58 वर्षीय कोमोरोवस्की प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क की सत्ताधारी पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं.
टस्क शनिवार को हुए हादसे की जगह पर गए जहां रूसी प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन के साथ उन्होंने फूल चढ़ाए. काचिंस्की के जुड़वा भाई और पोलैंड की मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता यारोस्लाव काचिंस्की भी घटना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने शवों को पहचानने में मदद की.
काचिंस्की पक्के राष्ट्रवादी थे और प्रधानमंत्री टस्क की मध्यपंथी सरकार के साथ अकसर उनके मतभेद भी रहे. साथ ही वह पुतिन के रूस के कड़े आलोचक थे. शायद इसीलिए पुतिन ने बुधवार को कातिन नरसंहार की बरसी के मौके पर काचिंस्की को नहीं बल्कि टस्क को आमंत्रित किया था.
खैर, विडंबना की बात यह है कि पोलैंड के एक बड़े राजनीतिक वर्ग की जान लेने वाला यह विमान हादसा उसी जगह के आसपास पेश आया है जहां 1940 में जोसेफ स्टालिन की खुफिया पुलिस ने 22 हजार पोलिश अधिकारियों की हत्या की थी. उस वक्त रूस ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के ज्यादातर सैन्य नेतृत्व का सफाया कर दिया था. पिछले हफ्ते इस नरसंहार की बरसी पर पुतिन और टस्क ने इन दर्दनाक ऐतिहासिक यादों से निपटने के लिए मिलजुल काम करने का संकल्प किया. लेकिन शनिवार को हुए विमान हादसे के बाद इस नरसंहार की यादें और दर्दनाक हो गई हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़