शहजादे के शौक ने ली सैकड़ों जानें
२३ अप्रैल २०१४रिपोर्ट के मुताबिक करीब 20 बार में इन होबुरा चिड़ियों को मारा गया. इन्हें प्रिंस फहद बिन सुल्तान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने जनवरी में चुगाई जिले में शिकार किया. डॉन अखबार की रिपोर्ट ने स्थानीय वन अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यह इलाका बलूचिस्तान प्रांत में आता है.
बताया जाता है कि खुद शहजादे ने 1977 चिड़ियों का शिकार किया, जबकि उनकी पार्टी में शामिल दूसरे लोगों ने 123 चिड़ियों को मार दिया. ये प्रवासी पक्षियां हैं, जो दूसरी जगहों से सर्दियों में यहां आती हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने संरक्षित इलाकों में भी शिकार किया.
पाकिस्तान में होबुरा पक्षियों का शिकार प्रतिबंधित है. लेकिन हर साल विदेशी सैलानियों को इसके शिकार के लिए खास लाइसेंस दिए जाते हैं. खाड़ी देशों में समझा जाता है कि इस पक्षी का मांस खाने से कामोत्तेजना बढ़ती है. नाम से मिलने वाले इस लाइसेंस को किसी और को नहीं दिया जा सकता है और इसमें 10 दिन के अंदर 100 पक्षियों के शिकार की इजाजत होती है. अखबार ने शहजादे के अलावा देश के अधिकारियों की भी खिंचाई की है, जो इस तरह के परमिट जारी करते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, "कम से कम हम उम्मीद करते हैं कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान औपचारिक तौर पर माफी मांगे, जिससे हमारे वन्य जीव को अपूरणीय क्षति पहुंचती है." ये परिंदे हर साल मध्य एशिया से पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आते हैं, जहां उन्हें अपेक्षाकृत गर्म वातावरण मिलता है.
अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों के मुताबिक ऐसे परिंदों की कुल संख्या एक लाख से कुछ ज्यादा है और ये तेजी से घट रही है. इसे लुप्त हो रही प्रजाति में रखा गया है.
एजेए/एमजे (डीपीए)