शरणार्थियों की सुरक्षा की अपील
१३ दिसम्बर २०१४संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था ने भूमध्यसागर को शरणार्थियों के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक रास्ता बताया है. करीब 3500 लोगों की मौत की रोशनी में संयुक्त राष्ट्र संस्था के प्रमुख अंटोनियो गुटेरेस ने यूरोपीय सरकारों से अपनी शरणार्थी नीति में बदलाव की मांग की है. उन्होंने शिकायत की कि बहुत से देशों के लिए अपनी सीमा की सुरक्षा मानव जीवन बचाने से ज्यादा अहम हो गई है. उन्होंने कहा कि मानव जीवन को राष्ट्रीय हितों की भेंट नहीं चढ़ने देना चाहिए, खास कर ऐसे समय में जब बहुत से लोगों को युद्ध की वजह से घर बार छोड़ कर भागना पड़ रहा है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था के अनुसार ज्यादातर शरणार्थियों का लक्ष्य इटली और माल्टा है जिनमें करीब 60,000 सीरिया से और 35,000 एरिट्रिया से थे. बुधवार को स्पेनी पुलिस ने 400 शरणार्थियों को भूमध्यसागर में आइसलैंड के एक जहाज से निकाला. शरणार्थियों की यात्रा आम तौर पर युद्धग्रस्त लीबिया से शुरू होती है. इन आंकड़ों को शरणार्थियों की सुरक्षा पर सरकारी प्रतिनिधियों और गैरसरकारी संगठनों के बीच बातचीत से पहले जारी किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त प्रिंस सईद अल राद अल हुसैन ने शरणार्थियों के खिलाफ माहौल बनाने के खिलाफ चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि बहुत से जगहों पर आप्रवासियों के प्रति बर्ताव दुर्भावना से प्रेरित है. प्रिंस ने कहा कि हर देश को तय करने का हक है कि उसके इलाके में कौन घुस सकता है, लेकिन इसमें अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वैध आप्रवासन की राह में बाधा इसका कारण है कि खतरनाक रास्तों से भागने की कोशिश कर जान को जोखिम में डालने वालों की तादाद बढ़ रही है.
यूरोपीय संघ और उसके सदस्य देश शरणार्थियों के आने पर ब्रेक लगाने के पक्षधर हैं. इटली ने साथी देशों के सहयोग में कमी के कारण नवंबर में अपना अभियान मारे नोस्ट्रम रोक दिया था जिसके तहत सागर से डेढ़ लाख शरणार्थियों को बचाया गया था. जर्मनी के गृह मंत्री शरणार्थियों की संख्या पर नियंत्रण के लिए अफ्रीका में शरणार्थी शिविर बनाने के पक्ष में हैं. गुटेरेस का कहना है, "जो जान बचाने के लिए भागता है उसे धमकाकर रोका नहीं जा सकता." वे इस दलील को नहीं मानते कि जो शरणार्थियों को समुद्र में डूबने से बचाता है वह उन्हें भागने के लिए बढ़ावा दे रहा है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चयुक्त गुटेरेस का कहना है कि लोगों को भागने का सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराना सिर्फ एक संभावना हो सकता है. भूमध्यसागर भले ही शरणार्थियों के लिए सबसे खतरनाक रास्ता हो लेकिन वह एकमात्र सागर नहीं है जो शरणार्थियों के लिए कब्रगाह बन गया है. शरणार्थी संस्था के अनुसार करीब 83,000 लोगों ने इथियोपिया और सोमालिया से लाल सागर और अदन की खाड़ी से होकर भागने की कोशिश की. इस कोशिश में 242 की की जान गई. बंगाल की खाड़ी में भागने की कोशिश में 54,000 में से 540 लोग मारे गए. कैरीबियाई देशों में 71 लोगों की जान गई.
एमजे/एजेए (डीपीए, एएफपी)