शरणार्थियों की जिम्मेदारी निभाए संपन्न यूरोप
१६ मार्च २०१६अपनी शरणार्थी नीति के कारण मैर्केल जर्मनी और पूरे यूरोप में समर्थन खोती चली जा रही हैं. लेकिन ईयू तुर्की वार्ता से पहले उन्होंने एक बार फिर संसद को संबोधित करते हुए शरणार्थियों के प्रति जिम्मेदारी को दोहराया. मैर्केल ने कहा, "एक संपन्न महाद्वीप होने के नाते हम पर यह जिम्मेदारी है कि हम यह दिखा सकें कि हम इस चुनौती से मिल कर जूझ सकते हैं."
शरणार्थी मुद्दा यूरोपीय संघ के अस्तित्व पर भी सवालिया निशान लगाने लगा है. ब्रिटेन में संघ से अलग होने की मांग हो रही है. पूर्वी यूरोप के देश भी मैर्केल की नीतियों से सहमत नहीं दिखते. इस पर मैर्केल ने कहा, "हमें यह बात कभी भूलनी नहीं चाहिए कि जर्मनी की हालत भी तभी तक अच्छी रह सकती है, जब तक यूरोप की हालत अच्छी है, एक इकाई के रूप में यूरोप की."
तुर्की की तारीफ करते हुए मैर्केल ने कहा कि बाकी देशों को उससे सीख लेने की जरूरत है, "तुर्की ने बीस लाख शरणार्थियों के लिए जो किया है, सही आंकड़े बताऊं तो 27 लाख शरणार्थी हैं, जो सालों से वहां रह रहे हैं, उसके लिए तुर्की की जितनी प्रशंसा की जाए कम है. यूरोप के लिए यह कोई फख्र की बात नहीं है कि 28 देशों का एक संघ, जिसमें 50 करोड़ से भी ज्यादा लोग रहते हैं, उसके लिए बोझ बांटना इतना मुश्किल हो रहा है."
शरणार्थियों की संख्या पर जिस तरह से विवाद चल रहा है और हर देश अपनी अलग सीमा तय करना चाहता है, उस पर भी मैर्केल काफी भड़कीं. उन्होंने कहा, "इस वक्त जर्मनी और कुछ अन्य देश जो राहत की सांस ले रहे हैं, वह एक पहलू है और ग्रीस में जो हालात हैं, वह दूसरा पहलू है और वहां ये हालात हमेशा ऐसे ही नहीं बने रह सकते वरना यूरोप के लिए स्थिति बद से बदतर हो जाएगी." मैर्केल ने कहा कि संख्या कम करनी ही है, तो सिर्फ कुछेक देशों के लिए नहीं, सभी सदस्य देशों के लिए करनी होगी.
दो दिन तक चलने वाली ईयू तुर्की शिखर वार्ता में शरणार्थी संकट प्रमुख मुद्दा रहेगा. मैर्केल के शब्दों में, "यह पहली बार इस संकट का सही समाधान निकालने का मौका हो सकता है."
आईबी/एमजे (डीपीए, एएफपी)