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शपथ ग्रहण में अमेरिका नहीं

२२ मई २०१४

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में अमेरिका किसी तरह का प्रतिनिधित्व नहीं करेगा. हालांकि उसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को न्योता देने की पहल की तारीफ की है.

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Indien Wahlen 2014 BJP Narendra Modi
तस्वीर: Reuters

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता येन साकी ने कहा, "खुल कर कहा जाए तो हम भारत और पाकिस्तान और उनके नेताओं के अन्य क्षेत्रीय नेताओं के साथ बढ़ रहे मेलजोल का स्वागत करते हैं." उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आगे और बातचीत होना एक सकारात्मक कदम होगा.

अमेरिका के साथ ठंडे रिश्ते

शपथ ग्रहण समारोह में अमेरिका के शामिल न होने के बारे में उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह इस बार भी ऐसी कोई योजना नहीं है, "हमारी अमेरिका से कोई प्रतिनिधि भेजने की योजना नहीं है. भारत में होने वाले समारोहों के लिए यह आम बात है. इसलिए इसमें किसी तरह की हैरानी नहीं होनी चाहिए."

पिछले कुछ समय से अमेरिका और भारत के बीच संबंध ठंडे हुए हैं. इसकी वजह रही पिछले साल दिसंबर में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की वीजा धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तारी. मामला काफी लंबे समय तक खिंचता चला गया. इसके अलावा अमेरिका ने 2005 में मोदी को वीजा देने से इनकार किया था, जिस पर वह हाल तक कायम रहा है. हालांकि चुनाव में जीत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें आने की दावत दी है. मोदी पर 2002 के गुजरात दंगों के आरोप लगते आए हैं, जिससे वह इनकार किया करते हैं.

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अमेरिका 2005 से मोदी को वीजा देने से इनकार करता रहा है.तस्वीर: Reuters

नवाज शरीफ को न्योता

मोदी 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. समारोह में शामिल होने के लिए मोदी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के देशों को भी न्योता भेजा है. सार्क देशों में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव हैं. इस कदम को आने वाले समय में संबंधों में बेहतरी की कोशिश की तरफ इशारा करती है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई और श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने समारोह में आने की पुष्टि कर दी है.

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने न्योता तो कबूल कर लिया है, लेकिन वह खुद समारोह में शामिल होंगे या नहीं, इस बारे में अभी पक्का नहीं है.

बेहतर रिश्तों की उम्मीद

कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तल्ख रहे हैं. यूपी में अपनी चुनावी रैली में मोदी ने यह मुद्दा भी उठाया था कि "जब पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों की हत्या की, तब केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को दावत पर बुलाया, क्या मुलाकात रोकी नहीं जा सकती थी?" उनका इशारा पिछले साल जनवरी में भारत प्रशासित कश्मीर में हुई सैनिकों की हत्या की तरफ था.

पाकिस्तान के अलावा श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष को बुलाने पर भी चर्चा हो रही है. तमिलनाडु की डीएमके ने महिंदा राजपक्षे को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाए जाने पर सवाल उठाया है.

एसएफ/एजेए (एएफपी/डीपीए)