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शंकर जयकिशन के बीच हुई थी अनबन

२६ अप्रैल २०१४

भारतीय सिनेमा जगत में सर्वाधिक कामयाब संगीतकार जोड़ी शंकर जयकिशन के नाम की आज भी मिसाल दी जाती है. लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था जब दोनों के बीच अनबन हो गई थी.

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तस्वीर: DW/J. Sehgal

शंकर और जयकिशन ने एक दूसरे से वादा किया था कि वे कभी किसी को नहीं बताएंगे कि धुन किसने बनायी है लेकिन एक बार जयकिशन इस वादे को भूल गए और मशहूर सिने पत्रिका फिल्मफेयर के लेख में बता दिया कि फिल्म संगम के गीत 'ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर कि तुम नाराज न होना' की धुन उन्होंने बनाई थी.

इस बात से शंकर काफी नाराज हुए. उनकी नाराजगी पूरी तरह तो नहीं मिटी लेकिन बाद में पार्श्वगायक मोहम्मद रफी के प्रयासों से शंकर और जयकिशन के बीच हुए मतभेद को कुछ हद तक कम किया जा सका.

पृथ्वी थिएटर में

शंकर का पूरा नाम शंकर सिंह रघुवंशी था. उनका जन्म 15 अक्तूबर 1922 को अविभाजित पंजाब में हुआ था. बचपन के दिनों से ही शंकर संगीतकार बनना चाहते थे और उनकी रुचि तबला बजाने में थी. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बाबा नासिर खान साहब से ली. इसके साथ उन्होंने हुस्नलाल भगतराम से भी संगीत की शिक्षा ली.

अपने शुरूआती दौर में शंकर ने सत्यनारायण और हेमावती द्वारा संचालित एक थिएटर ग्रुप में भी काम किया. इसके साथ ही वे पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर के सदस्य बन गए, जहां वे तबला बजाने का काम किया करते थे. पृथ्वी थिएटर के नाटकों में वे छोटे मोटे रोल भी किया करते थे.

राज कपूर ने दिया मौका

उसी दौरान जयकिशन भी बतौर संगीतकार अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. शंकर की सिफारिश पर जयकिशन को पृथ्वी थिएटर में हारमोनियम बजाने के लिए नियुक्त कर लिया गया. 1948 में जब राज कपूर अपनी फिल्म बरसात के लिए संगीतकार की तलाश कर रहे थे तो उन्होंने शंकर जयकिशन को मिलने का न्योता भेजा.

राज कपूर शंकर जयकिशन के संगीत बनाने के अंदाज से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने उनसे अपनी फिल्म बरसात में संगीत देने की पेशकश की. फिल्म में उनकी जोड़ी ने 'जिया बेकरार है' और 'बरसात में हमसे मिले तुम सजन' जैसे गानों में सुपरहिट संगीत दिया. फिल्म बरसात की कामयाबी के बाद शंकर जयकिशन बतौर संगीतकार अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए.

नौ बार फिल्मफेयर

इसे महज एक संयोग ही कहा जाएगा कि फिल्म बरसात से ही गीतकार शैलेंद्र और हसरत जयपुरी ने भी अपने सिने करियर की शुरूआत की थी. बरसात की कामयाबी के बाद राज कपूर, हसरत जयपुरी और शंकर जयकिशन की जोड़ी ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया.

उनकी जोड़ी को सर्वाधिक नौ बार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. शंकर और जयकिशन की यह जोड़ी 1971 तक कायम रही. बारह सितंबर 1971 को जयकिशन इस दुनिया को अलविदा कह गए. अपने मधुर संगीत से श्रोताओं को भावविभोर करने वाले संगीतकार शंकर का भी 26 अप्रैल 1987 को निधन हो गया.

एमजे/आईबी (वार्ता)