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वीरान पड़े ग्रीक कुंड

Anwar Jamal Ashraf९ अप्रैल २०१४

शक्ति के यूनानी भगवान हरक्यूलिस को वहां से शक्ति मिलती थी, हिप्पोक्रेटस को वहां से सेहत मिलती थी. लेकिन आज वो जगहें वीरान पड़ी हैं. ग्रीस में गर्म कुंडों को आज कोई पूछने वाला नहीं है.

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तस्वीर: Fars

दुनिया भर के समाज में गर्म कुंडों को लेकर धारणा है कि वे सेहतमंद होते हैं और वहां स्नान करने से छोटी मोटी बीमारियां दूर हो जाती हैं. ग्रीस के भूगर्भशास्त्री जिसिस अगेलिडिस का कहना है, "ईसा मसीह से भी हजारों साल पहले ग्रीस के लोगों ने इलाज के लिए गर्म कुंडों के इस्तेमाल की बात की थी."

प्राचीन यूनान यानि ग्रीस में एस्क्लेपिया की काफी चर्चा होती थी, जो इलाज कराने के मंदिर होते थे. इनका नाम दवाओं के भगवान एस्क्लेपिया पर पड़ा था. काफी लोग वहां जाया करते थे. ग्रीस में आज भी 700 गर्म कुंड हैं और बताया जाता है कि उनमें कई बीमारियों को दूर करने की क्षमता है. लेकिन सिर्फ 100 तक पहुंचा जाता है और इससे भी कम कुंडों का सही तरीके से इस्तेमाल हो रहा है.

इनमें से ज्यादातर मुफ्त हैं, लोगों के लिए खुले हैं. लेकिन यहां ज्यादा सुविधाएं नहीं हैं. यहां तक कि सांतोरिनी, मिलोस और कोस जैसे पर्यटकों के पनाहगाह समझे जाने वाले इलाकों में भी नहीं.

भरी मांसपेशियों और चौड़ी छाती वाले 60 साल के एवानजेलोस किरयाजिस का कहना है कि वह बरसों से डॉक्टर के पास नहीं गए हैं और इसका श्रेय पास के गर्म कुंड को जाता है. उनका कहना है कि करिश्माई बुलबुले मध्य ग्रीस में एक पहाड़ से निकलने वाले सोते से उठते हैं. यह कुंड थर्मोपाइले शहर के पास है.

कुंडों का देशः आइसलैंड

उनका उपाय सीधा हैः साल में 300 बार कुंड में आधे आधे घंटे का स्नान. इसका तापमान 30 से 40 डिग्री के आस पास होता है, "यह शरीर में नई ऊर्जा भरता है, दबाव को हटाता है, नसों को खोलता है, मांसपेशियों को ढीला करता है, फेफड़ों को साफ करता है, हड्डियों को मजबूत करता है और पूरे तंत्रिका तंत्र को साधता है."

मुस्कुराते हुए वह कहते हैं, "यह दांतों को भी सफेद बनाता है."

लेकिन मौजूदा वक्त में ग्रीक की ऐतिहासिक कहानियों को भी पीछे छोड़ दिया गया है. इनमें कहा गया है कि किस तरह हरक्यूलिस को इन कुंडों से शक्ति मिलती थी. सिर्फ कुछ स्थानीय लोग ही इन कुंडों तक जाते हैं. रिटायर हो चुके अल्फ्रेड वीगल कहते हैं, "इन कुंडों ने मेरे घुटनों और कंधों को ठीक कर दिया, जो बहुत दर्द करते थे. यहां का पानी जर्मनी से भी बेहतर है." वीगल जर्मनी के बवेरिया प्रांत में रहते हैं और हर साल ग्रीस के गर्म कुंडों में जरूर जाते हैं.

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खंडहरों में बची ग्रीक सभ्यतातस्वीर: Reuters

लेकिन कुंडों की स्थिति ठीक नहीं. पेट्रोल पंप और होटल के पास बने इस कुंड में कपड़े बदलने तक की सुविधा नहीं. लोगों को कार में ही कपड़े बदलने पड़ते हैं. इसके बाद नंगे पांव कुंड तक जाना पड़ता है. ग्रीक अधिकारी मार्कोस डानास का कहना है, "हमारे पास शानदार प्रोडक्ट है लेकिन इसका सही इस्तेमाल नहीं हुआ." उनका कहना है कि दर्जन भर जगहें भी नहीं हैं, जो सैलानियों को आकर्षित कर सकें, "ज्यादातर गर्म कुंड स्थानीय लोग चला रहे हैं और इससे सही तौर पर विकास नहीं हो पा रहा है."

तीन ग्रीक शहर अपने कुंडों के लिए जाने जाते हैं, लाउत्राकी, कामेना वोर्ला और एडिपसोस. बरसों से सिर्फ रिटायर हुए खाली लोग ही यहां तक पहुंच रहे हैं. लेकिन हाल के दिनों में ग्रीस बुरी तरह आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है और इस दौरान गर्म कुंडों की पूछ और घट गई है. पिछले पांच साल में पैसे देकर गर्म कुंडों का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों की संख्या आधी हो गई है और खराब वित्तीय स्थिति के बाद इसके बेहतर होने की ज्यादा उम्मीद नहीं है.

एजेए/ओएसजे (एएफपी)