वीजा के चक्कर में बिंद्रा
१८ सितम्बर २०१४खेल आयोजक बिंद्रा और दूसरे प्रतिभागियों को वक्त पर एक्रीडिटेशन कार्ड नहीं भेज पाए क्योंकि भारत के राष्ट्रीय संघ ने उनके लिए सही वक्त पर फॉर्म नहीं भरा था. बिंद्रा की योजना थी कि वह स्पेन के ग्रेनाडा में हो रहे वर्ल्ड चैंपियनशिप से सीधा दक्षिण कोरिया के इंचियोन चले जाएंगे, जो नहीं हो पाया.
उन्हें पहले भारत जाना पड़ा और दक्षिण कोरिया का वीजा लेना पड़ा. इसके बाद बुधवार शाम को ही वह इंचियोन पहुंच पाए, जबकि पहले की योजना के मुताबिक वह दो दिन पहले ही पहुंच जाते. उन्हें 10 मीटर एयर राइफल मुकाबले में हिस्सा लेना है. इसी प्रतिस्पर्धा में उन्हें 2008 के बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण और 2010 के एशियाई खेलों में रजत पदक मिला है.
इंचियोन पहुंचने के बाद भी बिंद्रा की मुश्किलें कम नहीं हुईं. भारत के सबसे सम्मानित शूटर समझे जाने वाले बिंद्रा को लेने एयरपोर्ट कोई भी नहीं पहुंचा, जो उन्हें एक्रीडिटेशन कार्ड देता या उनके सामान को कस्टम से निकलवाने की कागजी खानापूर्ति कर पाता.
'आदत हो गई है'
उन्हें कुल मिला कर चार घंटे का वक्त लगा, जिसके बाद ही वह खेल गांव पहुंच पाए, जहां उनके रहने का इंतजाम किया गया. इसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों को संपर्क किया. 31 साल के बिंद्रा ने कहा, "यहां पहले पहुंच जाना अच्छा होता लेकिन मैं भला क्या कर सकता हूं."
उन्हें अब सोमवार को मुकाबले में हिस्सा लेना है और वह अपने खेल पर ध्यान लगाना चाहते हैं. उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "आप जानते हैं, मुझे इन बातों की आदत लग चुकी है. अब मुझे कोई भी बात हैरान नहीं करती है. सबसे अच्छा यही रहेगा कि मैं अपने मुकाबले पर ध्यान दूं और उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूं."
हाल ही में ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में भारत ने निशानेबाजी में चार स्वर्ण सहित 17 पदक जीते हैं और एशियाई खेलों में वे प्रदर्शन बेहतर करना चाहते हैं. लेकिन कॉमनवेल्थ से अलग यहां चीन और दक्षिण कोरिया की उपस्थिति है. पिछली बार के एशियाई खेलों में भारत को सिर्फ एक स्वर्ण मिला था, जो डबल ट्रैप निशानेबाज रोंजन सोढ़ी ने जीता था.
सरकार का अटपटा आदेश
बिंद्रा भारत के इकलौते खिलाड़ी नहीं हैं, जिन्हें इस तरह के रवैये का सामना करना पड़ा है. 516 खिलाड़ियों की कागजी कार्रवाई देर से हुई और भारत के खेल मंत्रालय ने कहा कि उन्हें मुकाबलों के सिर्फ पांच दिन पहले से रहने खाने का भत्ता मिलेगा. इसकी वजह से उनके अभ्यास पर खासा फर्क पड़ा है. अभी भी कई खिलाड़ी इंचियोन नहीं पहुंच पाए हैं. भारतीय मुक्केबाज बुधवार को अभ्यास नहीं कर पाए क्योंकि वे गुरुवार दोपहर ही पहुंच पाए.
भारतीय दल के प्रतिनिधि भूपिंदर सिंह बाजवा का कहना है, "कम से कम आठ से 10 खिलाड़ी सरकारी आदेश से प्रभावित हुए हैं." पिछली बार गुआनझाऊ खेलों में भारत ने 35 खेलों में हिस्सेदारी की थी और 65 पदक जीते थे, जिनमें से 14 स्वर्ण पदक थे. इस बार इंचियोन में वे 28 खेलों में हिस्सा ले रहे हैं.
एजेए/आईबी (एएफपी)