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विवादों के बीच पाक गृह मंत्री पीएम से मिले

१५ दिसम्बर २०१२

भारत आए पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से मुंबई आतंकी हमले की योजना बनाने वालों को सजा देने का मसला उठाया. हमले में 166 लोग मारे गए थे.

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तस्वीर: AP

मनमोहन सिंह के साथ 15 मिनट की बैठक के बाद रहमान मलिक ने बताया कि पाकिस्तान के एक न्यायिक आयोग को 26/11के मामले को आगे बढ़ाने के लिए भारत भेजा जाएगा और जल्द से जल्द मुकदमे को पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे. भारत ने दौरे पर आए गृह मंत्री को 26/11मामले के अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमे की धीमी गति पर गंभीर चिंता से अवगत करा दिया है.

रहमान मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री से मुलाकात में उन्होंने पाकिस्तान के निमंत्रण को दुहराया है. "हमने उन्हें पहले ही आमंत्रित किया है. आज भी मैंने उनसे कहा कि पाकिस्तान की जनता, खासकर चटवल गांव के लोग जहां वे पैदा हुए थे, उनसे मिलना चाहती है." मलिक ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री से कहा है कि यदि वे नहीं आएंगे तो पाकिस्तान के लोग निराश होंगे. मलिक ने प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात को अच्छी मुलाकात बताया.

Gah Pakistan Manmohan Singh
पाकिस्तान में पीएम का गांवतस्वीर: AFP/Getty Images

इस बीच तीन दिन के दौरे पर नई दिल्ली पहुंचने पर पाकिस्तानी गृह मंत्री के बयानों पर भारत में विवाद छिड़ा है. चुनाव प्रचार में लगे विपक्षी बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर रहमान मलिक के बयानों की निंदा करने के लिए हिम्मत न दिखाने का आरोप लगाया है. रहमान ने मुबई पर आतंकी हमलों और अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ढाहने का एक साथ जिक्र किया था. एक चुनाव रैली में मोदी ने कहा, "यदि भारत सरकार की हिम्मत होती तो वह पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को इस बयान के लिए माफी मांगने को कहती."

बीजेपी ने भी बाबरी मस्जिद वाले बयान के लिए मलिक की निंदा की है और आरोप लगाया है कि वह विध्वंसात्मक दिमाग के साथ शांति की बात कर रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने कहा कि पाकिस्तानी जमीन से होने वाले आतंकवाद और भारत के घरेलू विकास पर एक सांस में मलिक का बयान अजीब और दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यह टिप्पणियां ऐसे राष्ट्र के प्रतिनिधि की ओर से आई है जिसका अपने धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों और उनके अधिकारों पर अत्यंत खराब रिकॉर्ड रहा है.

Sushilkumar Shinde und Rehman Malik
वीसा संधि पर दस्तखततस्वीर: AFP/Getty Images

बीजेपी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने आतंकवादियों की फैक्टरियां होने का आरोप लगाया और कहा, "मुख्य मुद्दा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है और वीजा में ढील जैसे दूसरे सारे मामले  बेतुके हैं." नकवी ने कहा कि जब भी आतंकवाद का मामला उठाया जाता है पाकिस्तान उस पर से ध्यान हटाने की कोशिश करता है. उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान में आतंकवाद की फैक्टरियां बंद नहीं होती दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती. रहमान ने कहा था कि मुंबई हमलों के मास्टरमाइंट हफीज सईद के खिलाफ भारत ने विश्वसनीय सबूत नहीं दिए हैं.

शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान ने वीसा नियमों में ढील देने की संधि को अंतिम रूप दिया. संधि पर दोनों देशों के गृह मंत्रियों ने दस्तखत किए. यह संधि मुंबई हमले के बाद रिश्तों को सामान्य बनाने की कोशिश के सिलसिले में होने वाली क्रिकेट सीरीज से कुछ ही हफ्ते पहले हुई है. पहले कारोबारियों को तय शहरों से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी. पाकिस्तान के एक अधिकारी ने शिकायत की थी कि कारोबारियों को अपराधियों की तरह हर शाम पुलिस स्टेशन जाना पड़ता था. भारतीयों को पाकिस्तान में ऐसे ही प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता था. नई वीजा संधि के अनुसार लोगों को पांच शहरों में जाने की अनुमति होगी और कुछ कारोबारियों को मल्टी इंट्री वीसा दिया जाएगा.

एमजे/एनआर (पीटीआई, रॉयटर्स)

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