मलेशियाई विमान के नए सुराग
१४ अप्रैल २०१४विमान के ब्लैक बॉक्स की खोज में पनडुब्बी को साढ़े चार किलोमीटर की गहराई में उतारा जाएगा. हिन्द महासागर के इस इलाके में पहले चीन और फिर ऑस्ट्रेलियाई जहाज ने भी पानी से आ रही तरंगों को पकड़ा था. ज्वाइंट एजेंसी कोऑर्डिनेशन सेंटर के प्रमुख एंगस हाउस्टन ने बताया कि पर्थ से कुछ दूर स्थित इस समुद्री इलाके में तेल की परत भी पाई गई है.
विमान ढूंढने उतरेगी पनडुब्बी
उन्होंने कहा, "टावर पिंगर लोकेटर से विमान की खोज को रोक कर आज पानी के भीतर ब्लूफिन-21 को उतारा जाएगा." हाउस्टन ने माना कि पिछले छह दिनों में उन्हें कोई नई जानकारी हासिल नहीं हुई है, "यानि अब पानी के भीतर जाने का समय आ गया है." उन्होंने उम्मीद जताई कि सोमवार शाम पनडुब्बी को पानी में उतारा जाएगा.
मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट एमएच 370 आठ मार्च को उस समय लापता हो गई थी जब वह क्वालालंपुर से बीजिंग जा रही थी. विमान के साथ उड़ान भरने के बाद क्या हुआ और वह कैसे क्षतिग्रस्त हुआ, यह बात अभी तक रहस्य बनी हुई है. कई देशों के सहयोग से विमान की खोज जारी है. अभी तक खोजकर्ताओं को विमान से संबंधित किसी तरह का मलबा नहीं मिला है. विमान के ब्लैक बॉक्स से आने वाले सिग्नल की तलाश में पहले चीन और फिर पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के जहाज ने पानी से आ रही तरंगें पकड़ी थीं.
तेल की परत की जांच
हाउस्टन ने बताया कि उनकी टीम ने पानी में तेल की परत से करीब दो लीटर टेस्टिंग के लिए लिया है, "मैं इस बात पर जोर देता हूं कि इस बात की जांच अभी बाकी है कि तेल का स्रोत क्या है." उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यह तेल उनमें से किसी जहाज का है जो खोज में लगे हैं, "हम हिन्द महासागर के बीच में हैं. और यह इलाका उसके बहुत नजदीक है जहां से सिग्नल मिले, लेकिन छानबीन में थोड़ा समय लगेगा."
बोइंग 777 विमान को लापता हुए 38 दिन बीत चुके हैं. जबकि ब्लैक बॉक्स की बैटरी मात्र तीस दिन तक ही साथ देती है. पिछले हफ्ते आखरी बार खोजकर्ताओं ने कुछ तरंगें पकड़ीं. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसके बाद बैटरी ने दम तोड़ दिया. हाउस्टन के मुताबिक हिन्द महासागर का यह इलाका ज्यादा जान पहचान वाला नहीं है. इस इलाके में पहाड़ियां नहीं है और तल सपाट और घुमावदार है. इसके तल में काफी कीचड़ हो सकता है. और अगर ऐसा हुआ तो खोज में ज्यादा मुश्किल हो सकती है.
सरकार छुपा रही है जानकारी
ब्लूफिन-21 के साइड में स्कैनर लगे हैं. जहां से सिग्नल मिले हैं, पहले उस इलाके के आसपास चालीस वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र पर ध्यान दिया जाएगा.
जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है लोगों का सरकारी बातों पर से विश्वास खत्म होता जा रहा है. एक न्यूज पोर्टल द्वारा हुए सर्वे में सामने आया है कि आधे से ज्यादा मलेशियाई मानते हैं कि एमएच 370 के बारे में सरकार उनसे जानकारी छुपा रही है.
इस स्वतंत्र पोलिंग में 1000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया जिनमें से 54 फीसदी का मानना है कि सरकार ने इस मामले में उनके साथ पारदर्शिता नहीं दिखाई. केवल 26 फीसदी लोगों को लगता है कि सरकार उनसे सच बोल रही है. 20 फीसदी लोगों को लगता है कि इस बारे में कुछ ठीक ठीक नहीं कहा जा सकता.
एसएफ/आईबी (एएफपी)