विदेशी डिग्रियों को मिलेगी जल्दी मान्यता
१८ अक्टूबर २०१०ऐसे समय में जब एक ओर जर्मनी के राजनीतिक दल विदेशियों के समाज में घुलाने मिलाने की समस्या पर बहस कर रहे हैं और वाणिज्य संगठन कुशल श्रमिकों में लाखों की कमी की शिकायत कर रहे हैं, जर्मन शिक्षा मंत्री अनेटे शावान ने विदेशी डिग्रियों को मान्यता देने की पहल की है जिसकी वजह से घरेलू श्रम बाजार में लगभग 3 लाख प्रशिक्षित कामगार उपलब्ध होंगे.
सीडीयू नेता अनेटे शावान ने कहा, "हम देश में उपलब्ध क्षमता को सक्रिय करना चाहते हैं." इसके लिए इस साल के अंत तक संसद में नया कानून लाया जाएगा. इस समय जर्मनी में विदेशी डिग्रियों को मान्यता दिलवाना बहुत मुश्किल है. देश में रहने वाले बहुत से विदेशी मूल के लोगों की डिग्रियां मान्य नहीं होने के कारण उन्हें दूसरे पेशों में निचले स्तर पर काम करना पड़ रहा है.
यह कानून लाने का फैसला सीडीयू-सीएसयू और एफडीपी पार्टियों ने गठबंधन संधि में किया था. शावान ने कहा कि उन्हें इंजीनियरिंग, नर्सिंग और मेडिकल क्षेत्रों सहित कुल 3 लाख नए कामगारों की जरूरत है. फाइनैंशियल टाइम्स डॉयचलांड का कहना है कि डिग्रियों को मान्यता की प्रक्रिया को भविष्य में तीन महीने से अधिक नहीं लगेंगे.
इस बीच अर्थनीति मंत्री राइनर ब्रुइडर्ले कुशल कामागारों में संभावित कमी को दूर करने के लिए आप्रवासियों के लिए अंक पद्धति लागू करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के अनुभवों का उदाहरण देते हुए कहा है कि स्कूली और पेशेवर शिक्षा के लिए अंक दिए जा सकते हैं. ब्रुइडर्ले की मांग का ग्रीन पार्टी के प्रमुख चेम ओएजदेमीर ने भी समर्थन किया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: आभा एम