वित्त बाज़ार पर नियंत्रण की मांग
९ जून २०१०अपने पत्र में दोनों नेताओं ने फिर एकबार कहा है कि स्वल्प अवधि में बिक्री और सीडीएस पर फ़ौरन नियंत्रण लाना ज़रूरी हो गया है. इस वर्ष 10 मार्च को लिखे गए एक संयुक्त पत्र में मैर्केल और सारकोज़ी ने पहली बार ऐसे नियंत्रण की मांग की थी.
आज भेजे गए पत्र में कहा गया है कि बाज़ार में हाल की उथलपुथल को देखते हुए हम आयोग से मांग करते हैं कि इस सिलसिले में तेज़ी से काम किया जाए.
पिछले महीने जर्मनी ने कुछ-एक प्रकार की स्वल्प अवधि की बिक्रियों पर रोक लगा दी थी, जिनके तहत निवेशक तुरंत मुनाफ़े के लिए ऐसे शेयरों की सट्टेबाज़ी कर रहे थे, जो उनके मालिकाने में नहीं हैं. इसकी वजह से वित्त बाज़ार में लगातार उथलपुथल देखी जा रही थी.
दोनों नेताओं का पत्र एक ऐसे समय में आया है, जब उनके बीच गहरे मतभेदों की अटकलें लगाई जा रही थीं. इस सोमवार को दोनों की एक बैठक होने वाली थी, लेकिन देश के बजट में भारी कटौती की घोषणा के बाद समय की कमी का हवाला देते हुए अंगेला मैर्केल ने यह बैठक रद्द कर दी थी. फ़्रांसीसी समाचार पत्र लिबेरास्यों के बुधवार के अंक में सवाल किया गया है कि क्या मैर्केल को अब भी सारकोज़ी पर भरोसा रह गया है? समाचार पत्र के अनुसार अंगेला मैर्केल को इस समय जर्मन-फ़्रांसीसी संबंधों से कहीं ज़्यादा अपनी सरकार टिकाए रखने की फ़िक्र है.
जर्मन समाचार पत्र फ़्रांकफ़ुर्टर आलगेमाइने त्साइटुंग ने इस सिलसिले में ध्यान दिलाया है कि बर्लिन की ओर से न तो बैठक रद्द करने के पर्याप्त कारण बताए गए हैं, और न ही इस पर अफ़सोस ज़ाहिर किया गया है. समाचार पत्र की राय में इस समय जर्मनी और फ़्रांस के बीच मतभेद यूरोपीय संघ के लिए घातक होगा. फ़्रांसीसी समाचार पत्र ले मोंद का कहना है कि जर्मन चांसलर सोमवार की बैठक में यूरोपीय संघ के देशों की बजट नीति के समन्वय के लिए एक संचालन समिति के फ़्रांसीसी प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार नहीं थीं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: राम यादव