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वाकई में वेरी वेरी स्पेशल हैं लक्ष्मण: धोनी

८ अगस्त २०१०

श्रीलंका के खिलाफ आखिरी टेस्ट में मिली जोरदार जीत ने टीम इंडिया का हौसला बढ़ाया. कप्तान धोनी ने लक्ष्मण की जमकर तारीफ की. रैना ने भी अपने प्रदर्शन से सबको खुश किया. वहीं युवराज के सामने अब टीम में जगह बनाने की मुश्किल.

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तस्वीर: UNI

आखिरी टेस्ट जीतने और सीरीज बराबर करने का उत्साह पूरी भारतीय टीम के चेहरे पर दिखा. शनिवार को लक्ष्मण टीम इंडिया की जीत के हीरो रहे. उनकी नाबाद 103 रन की पारी ने टीम को हार के संकट से निकालते हुए जीत के शिखर तक पहुंचा दिया. लक्ष्मण के इस प्रदर्शन से धोनी मुग्ध हैं. उन्होंने कहा, ''टेस्ट सीरीज में लक्ष्मण रनों के लिए जूझ रहे थे. लेकिन आखिरकार उन्होंने एक ही पारी खेली और काम तमाम कर दिया.'' माही के मुताबिक यह इस बात का सबूत है कि लक्ष्मण को वाकई में वेरी वेरी स्पेशल क्यों कहा जाता है.

34 साल के हैदराबादी बल्लेबाज ने विकेट के चारों ओर बेहतरीन शॉट्स लगाए. सचिन और सुरेश रैना के साथ उनकी बढ़िया साझेदारी हुई और पांचवें दिन टीम ने मुश्किल स्कोर का पीछा कर लिया. कप्तान धोनी कहते हैं, ''लक्ष्मण ऐसे वक्त में जोरदार पारी खेलते हैं जब मैच दांव पर लगा रहता है. पूरी टीम सीरीज बराबर करना चाह रही थी और ऐन वक्त पर सब लक्ष्मण से ऐसी ही पारी की उम्मीद कर रहे थे.''

Indien Suresh Raina
छा गए रैनातस्वीर: AP

धोनी ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और सुरेश रैना को भी जीत का पूरा श्रेय दिया. उन्होंने कहा, ''सचिन और रैना ने बढ़िया बल्लेबाजी की. दोनों ने लक्ष्मण के साथ मिलकर टीम की जीत का रास्ता बनाया.'' कप्तान ने इस जीत को करिश्माई भी बताया. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम जहीर खान और आशीष नेहरा के बिना टेस्ट सीरीज में उतरी. बाद में हरभजन सिंह भी घायल हो गए. इसके बावजूद टीम ने यह जीत हासिल की. धोनी के मुताबिक बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों विभागों में टीम ने बढ़िया प्रदर्शन किया और दिखा दिया है दबाव में भी टीम इंडिया बेहतर प्रदर्शन कर सकती है.

इस जीत के साथ ही भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक की कुर्सी पर विराजमान रहेगी. क्रिकेट पंडितों का कहना है कि मुरलीधरन के संन्यास लेने के बाद श्रीलंका की गेंदबाजी में बड़ा सुराख हो गया है, जिसका फायदा भारत को मिला. वैसे टीम इंडिया के लिहाज से इस सीरीज में एक और बढ़िया खोज हुई. श्रीलंका दौरे में पहली बार सुरेश रैना को टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला और रैना ने खुद को साबित भी कर दिया. रैना ने दो मैचों में 111.50 के औसत से 223 रन ठोंके. दूसरा टेस्ट ड्रॉ कराने और तीसरे में जीत दिलाने में रैना के यह रन बड़े काम आए. रैना के अच्छे प्रदर्शन से अब मुश्किलें युवराज सिंह की बढ़ेंगी. उनके लिए टेस्ट टीम में जगह बनाना मुश्किल हो जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: महेश झा