वर्ल्ड कप से बाहर हुआ भारत
११ मई २०१०करो या मरो के अहम मैच में श्रीलंका ने हर मोर्चे पर टीम इंडिया को दोयम दर्जे का साबित किया. जल्द तीन विकेट खोने के बावजूद श्रीलंकाई बल्लेबाज़ों ने मैच पर पकड़ बनाए रखी और आख़िरी गेंद पर छक्का लगाकर दुनिया के सबसे महंगे क्रिकेटर सितारों को बाहर का रास्ता दिखाया.
वर्ल्ड कप से भारत की विदाई श्रीलंका की जीत से पहले ही तय हो गई थी. भारत को आगे बढ़ने के लिए यह मैच कम से कम 20 रन से जीतना था लेकिन 19वें ओवर में विपक्षी टीम ने यह उम्मीद तोड़ दी.
इससे पहले श्रीलंकाई टीम ने 16 ओवर में 4 विकेट खोकर 112 रन बनाए थे. इस मोड़ पर मैच भारत के पक्ष में लग रहा था. श्रीलंका जीत से 52 रन दूर था. लेकिन इसके बाद एंगेलो मैथ्यूज़ और कपूगेदरा ने भारतीय गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ा दिए. दोनों ने हर ओवर में दस से ज़्यादा रन मारे.
वर्ल्ड कप से बाहर होने के बावजूद सम्मान की ख़ातिर जीत तलाश रही टीम इंडिया को आख़िरी ओवर में तारे नज़र आ गए. नेहरा के ओवर में विपक्षी टीम ने 16 रन ठोंक दिए और मैच अपने नाम कर लिया.
इससे पहले भारत ने टॉस जीतकर पांच विकेट में पर 163 रन बनाए थे. दिनेश कार्तिक के आउट होने के बावजूद गौतम गंभीर और सुरेश रैना ने भारत को अच्छी स्थिति में ला दिया था. 11वें ओवर तक टीम 96 रन बना चुकी थी और हाथ में नौ विकेट थे. लेकिन इसके बाद गंभीर और रैना आउट हुए, फिर कोई भी भारतीय बल्लेबाज़ टी-20 जैसा खेल ही नहीं सका. रैना ने 63 और गंभीर ने 41 रन बनाए. युवराज एक और युसूफ़ पठान 13 रन ही बना सके.
भारतीय बल्लेबाज़ों को मलिंगा और परेरा ने इस कदर नचाया कि दोनों के सात ओवर में सिर्फ़ 39 रन ही बन सके और दो विकेट भी गिरे. एंगेलो मैथ्यूज़ को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा मोंढे